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Free Recharge Fraud: AI वीडियो से चला ठगों का नया जाल, कहीं फंस ने जाएं

WhatsApp Scam Alert: छठ पूजा के मौके पर केंद्र सरकार सभी को तीन महीने का मुफ्त मोबाइल रिचार्ज दे रही है। ठगों ने इस मैसेज को एक न्यूज आर्टिकल की तरह पेश किया है।

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जयपुर

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MOHIT SHARMA

Oct 30, 2025

Photo: Patrika

Photo: Patrika

मोहित शर्मा.

AI generated video: जयपुर. भारत में त्योहारों का सीजन आते ही एक से बढ़कर एक ऑफर्स की बाढ़ आ जाती है, लेकिन इसके साथ ही शुरू होता है साइबर स्कैमर्स का नया जाल। ऐसा ही वायरल मैसेज इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि छठ पूजा के मौके पर केंद्र सरकार सभी को तीन महीने का मुफ्त मोबाइल रिचार्ज दे रही है।
खास बात यह है कि ठगों ने इस मैसेज को एक न्यूज आर्टिकल की तरह पेश किया है। हेडलाइन, सबहेडिंग्स, नंबरिंग तक लगाई है जिससे लोग इसे असली खबर समझकर भ्रमित हो जाएं और आसानी से फंस जाएं। सुनने में तो यह बेहद लुभावना लगता है, लेकिन यह एक सुनियोजित धोखा है।

Chhath Puja hoax: कोई सरकारी योजना नहीं

केंद्र सरकार ने कभी ऐसी कोई स्कीम लॉन्च नहीं की। यह सिर्फ लोगों को गुमराह करने और ठगने का तरीका है।

AI का कमाल

गौरतलब है कि यह वीडियो लोगों को ठगने के मकसद से बनाया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर यह वीडियो बनाया है। जिससे यह बिल्कुल असली लग रहा है।

स्कैमर्स का लालच भरा दावा

जैसे ही छठ का पावन पर्व करीब आता है, व्हाट्सएप पर एक संदेश फैलने लगता है। इसमें लिखा होता है कि भारत सरकार इस अवसर पर देश के हर नागरिक को तीन महीने तक फोन रिचार्ज मुफ्त देने वाली है। ठगों ने इसे इतना प्रोफेशनल बनाया है कि लगता है कोई बड़ा न्यूज पोर्टल इसे कवर कर रहा हो, जिससे लोग बिना सोचे शेयर करने लगते हैं।

आकर्षण का जाल

बिना पैसे खर्च किए फोन तीन महीने चालू रहे, कौन ऐसा ऑफर ठुकराएगा? यही वजह है कि लोग बिना सोचे इसे शेयर करते चले जाते हैं, और देखते ही देखते यह लाखों तक पहुंच जाता है। सोर्सेस के मुताबिक, यह मैसेज व्हाट्सएप पर लाखों यूजर्स तक पहुंच चुका है, जहां हजारों फॉरवर्ड्स हो चुके हैं, जबकि सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी फैक्ट-चेक पोस्ट्स को ही 15,000 से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं।

फैक्ट-चेक ने किया पर्दाफाश

प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट-चेक यूनिट ने इस दावे पर नजर रखी और जल्द ही इसकी हकीकत बयान कर दी। उनके आधिकारिक हैंडल पर स्पष्ट चेतावनी जारी की गई कि यह पूरी तरह झूठा दावा है।

डेटा चोरी असली मकसद

इन फर्जी संदेशों के पीछे छिपे अपराधी सिर्फ ध्यान नहीं खींचना चाहते। वे मुफ्त रिचार्ज का लालच देकर आपकी पर्सनल डिटेल्स जैसे मोबाइल नंबर, ईमेल या बैंक जानकारी हथियाना चाहते हैं। न्यूज-स्टाइल फॉर्मेटिंग से यह और भी विश्वसनीय लगता है, जिससे लोग बिना शक के लिंक पर क्लिक कर लेते हैं।

खतरनाक लिंक्स से ऐसे रहें सावधान

  • ज्यादातर मामलों में संदेश के साथ एक लिंक भी होता है। क्लिक करने पर फोन में वायरस या मैलवेयर घुस सकता है, जो आपके सारे डेटा को खतरे में डाल दे।
  • अनजान लिंक्स पर कभी उंगली न लगाएं।
  • खुद को सुरक्षित रखें। सतर्कता ही हथियार है। जागरूक बनें, बचाव करें।
  • फर्जी दावों से दूर रहने का सबसे आसान रास्ता है सजग रहना। अगर कोई संदेश 'फ्री' का जादू बिखेर रहा हो, तो पहले ठहरें और जांचें।
  • ऐसे किसी भी ऑफर को आधिकारिक स्रोतों से वेरिफाई करें। इसलिए फैलाए जाते हैं ऐसे झूठे संदेश
  • ये मैसेज हमारी लालच और जिज्ञासा का शोषण करते हैं। 'फ्री' शब्द सुनते ही दिमाग तेजी से काम करना बंद कर देता है। न्यूज जैसा फॉर्मेट इसे और भी कन्विंसिंग बना देता है।
  • सोशल मीडिया पर लोग अच्छी लगने वाली खबरें बिना जांचे शेयर कर देते हैं। यही चेन रिएक्शन इन्हें वायरल बना देता है।