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भाई अनमोल की गिरफ्तारी के बाद गैंगस्टर लॉरेंस को एक और बड़ा झटका, ये खास गुर्गा गिरफ्तार, बड़ा इनाम था…

lawrence Bishnoi Gang Member Arrest: वह राजस्थान के कोटपूतली जिले का रहने वाला है। एजीटीएफ यानी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की टीम ने उसे गुड़गांव से काबू किया है।

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अनमोल और लॉरेंस, फिलहाल दोनों भाई पुलिस की पकड़ में हैं, फोटो - पत्रिका

lawrence Bishnoi Gang: पिछले दिनों विदेश से गैंगस्टर अनमोल विश्नोई को भारत लाने के बाद अब गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई को एक और बड़ा झटका लगा है। लॉरेंस गैंग के लिए काम करने वाला गैंग का खास आदमी पकड़ा गया है। उसे राजस्थान की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने दबोचा है। उसे पकड़ने के लिए काफी प्रयास करने पड़े, यहां तक की पुलिसवालों को गार्ड ड्यूटी तक निभानी पड़ी। तब जाकर कहीं आरोपी प्रदीप गुर्जर को पकड़ा जा सका है। उस पर पच्चीस हजार का इनाम था और वह राजस्थान के कोटपूतली जिले का रहने वाला है। एजीटीएफ यानी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की टीम ने उसे गुड़गांव से काबू किया है।

टारगेट पर रहते थे होटल संचालक

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एजीटीएफ दिनेश एमएन ने बताया कि हार्डकोर बदमाश प्रदीप गुर्जर कुख्यात 6161 गैंग का सरगना है। यह गैंग मुख्य रूप से हाईवे पर स्थित होटल संचालकों को निशाना बनाकर उनसे जबरन रंगदारी वसूलने के लिए कुख्यात है। वह लगातार लॉरेंस गैंग के सदस्यों के संपर्क में रहा। एजीटीएफ की यह कार्रवाई राज्य में संगठित अपराध और लॉरेंस बिश्नोई नेटवर्क के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है।

भीलवाड़ा से हुई थी गैंग की शुरुआत

इस गैंग का इतिहास भीलवाड़ा में हरी तंवर से शुरू हुआ था, जिसकी कमान बाद में विनोद मांडली और फिर उसकी हत्या के बाद प्रदीप ने संभाल ली थी। प्रदीप गुर्जर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी सचिन थापन के लिए एक सक्रिय कड़ी के रूप में काम कर रहा था। वह कोटपूतली, बहरोड, बानसूर, भीलवाड़ा और गुड़गांव के युवकों को संगठित कर रहा था। उल्लेखनीय है कि कोटपूतली के ही हैरी बॉक्सर को राजस्थान समेत कई राज्यों की पुलिस तलाश कर रही है। हैरी बॉक्सर… लॉरेंस गैंग का सक्रिय सदस्य है और कई बड़े मामलों में उसका नाम आ चुका है। हैरी बॉक्सर और प्रदीप गुर्जर का भी कनेक्शन तलाश किया जा रहा है।

दहशत का तरीका, फायरिंग और रंगदारी

इस गैंग का मुख्य कार्य हाईवे पर स्थित होटलों पर अंधाधुंध फ़ायरिंग कर दहशत फैलाना है। इसके बाद ये व्यापारी को धमकी भरी पर्ची भेजकर रंगदारी और फिरौती की मांग करते थे। प्रदीप पर रंगदारी, बैंक लूट, डकैती, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे तीन दर्जन से अधिक संगीन अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। सात आपराधिक मुकदमों में फरार चलने के कारण एसपी कोटपुतली द्वारा उसकी गिरफ्तारी पर ₹25,000 का इनाम घोषित किया गया था।

एजीटीएफ का सटीक ऑपरेशन

एडीजी दिनेश एमएन के निर्देशन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में एक विशेष टीम को इस हार्डकोर बदमाश को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया। जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर राम सिंह द्वारा किया गया। टीम ने मुखबिरों को एक्टिव किया, जिसके बाद हेड कांस्टेबल सुधीर कुमार को उसके गुड़गांव में होने की पुख्ता जानकारी मिली। यह एक चुनौतीपूर्ण मिशन था, जहाँ टीम ने करीब 150 सीसीटीवी फुटेज खंगाले और रेकी की। आरोपी गुड़गांव के खेड़कीदोला थाना क्षेत्र की एक विशाल और लग्जरी सोसायटी एम आर पाम हिल के एक फ्लैट में छिपा हुआ था।

गार्ड बनकर रखी निगरानी

टीम ने सोसायटी के नाकों पर सदस्य तैनात किए और गार्ड बनकर हेड कांस्टेबल सुधीर ने अंदर पल-पल की जानकारी हासिल की। एजीटीएफ के लिए यह भूसे के ढेर में से सुई ढूंढने जैसा कठिन कार्य था। सटीक स्थिति का पता चलते ही टीम ने फ्लैट पर छापा मारा और गैंगस्टर प्रदीप को घेर कर दबोच लिया। गुड़गांवा से गिरफ्तार कर आरोपी को एजीटीएफ टीम कोटपूतली लेकर आई है और उसे थाना पुलिस को सौंप दिया गया है। पुलिस द्वारा उससे गहनता से पूछताछ की जा रही हैए जिससे कई अन्य मामलों के खुलासे की पूरी संभावना है।