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राजस्थान के सरकारी शिक्षकों की बढ़ी टेंशन, भजनलाल सरकार के इस आदेश से अध्यापकों में नाराजगी

Rajasthan Teachers: राजस्थान की भजनलाल सरकार के एक आदेश ने सरकारी अध्यापकों की चिंता बढ़ा दी है। सरकार ने प्रदेश के सभी अध्यापकों को एक्स्ट्रा क्लास लेकर सिलेबस को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Nov 12, 2025

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में 22 हजार पद खाली, शिक्षा व्यवस्था पर सवाल- कैसे सुधरेगी शिक्षा गुणवत्ता?(photo-patrika)

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में 22 हजार पद खाली, शिक्षा व्यवस्था पर सवाल- कैसे सुधरेगी शिक्षा गुणवत्ता?(photo-patrika)

जयपुर। राजस्थान में शिक्षा सत्र को CBSE की तर्ज पर 1 अप्रैल से शुरू करने की तैयारी के चलते इस साल अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं तय समय से करीब तीन सप्ताह पहले आयोजित की जा रही हैं। शिक्षा विभाग ने शिविरा पंचांग 2025-26 में निर्धारित 12 से 23 दिसंबर की जगह अब ये परीक्षाएं 20 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच कराने का निर्णय लिया है। इस बदलाव को लेकर राजस्थान के सरकारी शिक्षकों ने आपत्ति जताई है।

सरकारी अध्यापकों का कहना है कि परीक्षा समय से पहले कराने के आदेश की वजह से शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है, क्योंकि अब तक अधिकांश कक्षाओं का पाठ्यक्रम अधूरा है। वहीं भजनलाल सरकार की तरफ से अध्यापकों को एक्स्ट्रा क्लास लेकर सिलेबस पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने क्या कहा?

शिक्षक संगठनों ने विभाग से सिलेबस में कम से कम 20 प्रतिशत कटौती की मांग की थी, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे एक्स्ट्रा क्लास लेकर कोर्स पूरा कराएं। उनका कहना है कि नए सत्र को 1 अप्रैल से शुरू करने के लिए सभी शैक्षणिक गतिविधियों का पुनर्निर्धारण आवश्यक है, इसलिए परीक्षाओं को जल्दी कराया जा रहा है।

शिक्षक संगठनों ने जताई नाराजगी

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, कक्षा 9 से 12 तक के लगभग 23 लाख विद्यार्थियों का कोर्स अभी अधूरा है। वहीं, बड़ी संख्या में शिक्षकों को स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) कार्यक्रम में लगाया गया है, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए शिक्षक संघों ने नाराजगी जताई है।

शिक्षकों के लिए बड़ी चुनौती

राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा सामान्य तौर पर दिसंबर में होती थी, लेकिन अब नवंबर में होने से अध्यापकों को कोर्स जल्दबाजी में पूरा करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कक्षा 10 और 12 में संपूर्ण सिलेबस और अन्य कक्षाओं में 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम शामिल होता है, जिसे अब सीमित समय में समाप्त करना कठिन है। इससे शिक्षण की गुणवत्ता और विद्यार्थियों के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।

SIR में लगे हैं शिक्षक

वहीं, राजस्थान शिक्षक संघ (एकीकृत) के अध्यक्ष डॉ. रंजीत मीना ने कहा कि प्रदेश के करीब 40 प्रतिशत स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, क्योंकि बड़ी संख्या में अध्यापकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों, विशेषकर SIR अभियान में लगाया गया है। ऐसे में 20 नवंबर से शुरू हो रही अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं से पहले कोर्स पूरा कर पाना शिक्षकों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।