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Rajasthan News: स्मार्टनेस की रफ्तार, दौड़ती ट्रेनें खुद बताएंगी कहां लटका पुर्जा, IIT के साथ जनरेटिव AI की तैयारी

भारतीय रेल अब सिर्फ पटरियों पर नहीं, तकनीक की नई रफ्तार पर भी दौड़ रही है। सुरक्षा, दक्षता और निरीक्षण के मोर्चे पर रेलवे ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और मशीन लर्निंग (एमएल) को अपना नया साथी बना लिया है।

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रेलवे संचालनः आइआइटी के साथ जनरेटिव एआइ की तैयारी, पत्रिका फोटो

New pace of technology in Railways: जयपुर. दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर वाया राजस्थान होकर जहां सेमी हाई स्पीड ट्रेनें दौड़ाने की तैयारी चल रही है, उसके साथ ही स्मार्टनेस की नई रफ्तार के युग की शुरुआत भी होने जा रही है। भारतीय रेल अब सिर्फ पटरियों पर नहीं, तकनीक की नई रफ्तार पर भी दौड़ रही है। सुरक्षा, दक्षता और निरीक्षण के मोर्चे पर रेलवे ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और मशीन लर्निंग (एमएल) को अपना नया साथी बना लिया है। अब ट्रेने खुद बताएंगी कि उनके पुर्जे लटके हैं या पहिए घिस चुके हैं, वो भी बिना रुके, बिना छुए।

चार जगह पायलट परीक्षण शुरू

रेलवे ने कुछ माह पहले चार वेसाइड मशीन विजन आधारित निरीक्षण प्रणाली लगाने का निर्णय लिया था, इसे अब आगे बढ़ाया जा रहा है। ये सिस्टम चलती ट्रेनों में लटके हुए पुर्जे या गायब उपकरणों का पता लगाएंगे। कोटा मंडल के तुगलकाबाद, नागपुर मंडल के माउदा, विशाखापत्तनम-विजयनगरम खंड और हुबली मंडल के तोरणगल्लु में इनका पायलट परीक्षण शुरू हो चुका है।

पहियों की सेहत पर भी नजर

भारतीय रेल और दिल्ली मेट्रो ने मिलकर चार स्थानों पर स्वचालित व्हील प्रोफाइल मापन प्रणाली स्थापित की है। ये सिस्टम बिना संपर्क किए पहियों के आकार और घिसाव को वास्तविक समय में मायेंगे। इससे रखरखाव की गुणवत्ता और सुरक्षा दोनों में सुधार होगा।
लोकमान्य तिलक टर्मिनस कोचिंग डिपो (मुंबई मंडल, मध्य रेलवे), आनंद विहार टर्मिनल कोचिंग डिपो (दिल्ली मंडल, उत्तर रेलवे), तुगलकाबाद माल डिब्बा डिपो (दिल्ली मंडल, उत्तर रेलवे) और पंडित दीन दयाल उपाध्याय माल डिब्बा डिपो (पूर्व मध्य रेलवे) में परीक्षण किया जा रहा है।

यात्री सेवाओं में भी एआइ का उपयोग

रेल मदद, आरक्षण प्रणाली, मालगाड़ियों के आगमन और लदान समय की भविष्यवाणी जैसे क्षेत्रों में एआइ और एमएल मॉडल लागू किए गए हैं। साथ ही, 13 भाषाओं में शिकायत निपटान के लिए डिजिटल इंडिया भाषिनी के साथ समझौता किया गया है।

आइआइटी दिल्ली-मुंबई से करार

रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र ने आइआइटी, दिल्ली और मुंबई के साथ समझौते किए हैं ताकि रेल संचालन और परिवहन क्षेत्र में जनरेटिव एआइ को अपनाया जा सके। इसके साथ ही अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए भारतीय रेलवे ने रोलिंग स्टॉक की स्थिति की निगरानी के लिए मशीन विजन आधारित निरीक्षण प्रणाली (एमवीआइएस) की स्थापना के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) के साथ एमओयू किया हैं।

हाथियों से टकराव रोकने को एआइ अलर्ट…

पूर्वोत्तर सीमा रेलवे में 141 किलोमीटर के खंड पर एआइ आधारित घुसपैठ पहचान प्रणाली लगाई गई है, जो रेल पटरियों के पास हाथियों की मौजूदगी का पता लगाकर लोको पायलट और स्टेशन मास्टर को अलर्ट भेजती है।