Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

6 लोगों की दर्दनाक मौत वाला आईसीयू खुला, FSL ने की जांच पूरी, हटाया जा रहा जला सामान, एसएमएस प्रशासन ने कहा: अब नए सिरे से बनेगा

SMS HOSPITAL : एफएसएल टीम ने आग से प्रभावित वार्ड की जांच पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट के बाद एसएमएस प्रशासन को आईसीयू खोलने की अनुमति मिल गई है।

2 min read
Google source verification
PATRIKA PHOTO

PATRIKA PHOTO

SMS FIRE ACCIDENT UPDATE: एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में 5 अक्टूबर को लगी भीषण आग के बाद बंद पड़े आईसीयू वार्ड के नवनिर्माण की प्रक्रिया अब तेज हो गई है। एफएसएल टीम ने आग से प्रभावित वार्ड की वैज्ञानिक जांच पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट के बाद एसएमएस प्रशासन को आईसीयू खोलने की अनुमति मिल गई है। इसके बाद जले हुए वार्ड की सफाई और पुराने मलबे को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।

ट्रोमा सेंटर के नोडल प्रभारी डॉ. बी.एल. यादव ने बताया कि फिलहाल जले हुए सामान, फर्नीचर और मेडिकल उपकरणों को हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार तक पीडब्ल्यूडी अस्पताल प्रशासन को नया मैप प्लान सौंपेगा, जिसके आधार पर नया आईसीयू तैयार किया जाएगा। नेशनल बिल्डिंग बायलॉज के मानकों के अनुसार इसका डिजाइन और निर्माण कार्य किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार मैप प्लान तैयार होने के बाद निर्माण कार्य के लिए विस्तृत बजट तैयार किया जाएगा। इसके बाद पीडब्ल्यूडी निर्माण प्रक्रिया शुरू करेगा। अधिकारियों का कहना है कि नया आईसीयू पूरी तरह आधुनिक सुरक्षा मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा ताकि भविष्य में किसी भी तरह की दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो। अनुमान है कि नए आईसीयू के निर्माण में कम से कम दो महीने का समय लगेगा।

उल्लेखनीय है कि 5 अक्टूबर की रात ट्रोमा सेंटर के आईसीयू में अचानक आग लग गई थी। आग लगने से वार्ड में अफरा-तफरी मच गई थी और 6 मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई थी। हादसे के बाद 24 बेड का आईसीयू बंद कर दिया गया था। इसके चलते गंभीर मरीजों को दूसरे विभागों में स्थानांतरित करना पड़ा था।

वर्तमान में ट्रोमा सेंटर में न्यूरोसर्जरी के लिए 6 बेड का अस्थायी आईसीयू शुरू किया जा चुका है। जबकि 6 और बेड का आईसीयू सोमवार तक शुरू होने की संभावना है। वहीं 13 बेड का आईसीयू फिलहाल बांगड़ अस्पताल में अस्थायी रूप से बनाया गया है, लेकिन वहां मरीजों को शिफ्ट करने में दिक्कतें आ रही हैं।