
cyber security
Cyber Fraud: जयपुर। विवाह-शादी के इस सीजन में जहां लोग अपने परिजनों और मित्रों को डिजिटल माध्यमों से आमंत्रण भेज रहे हैं, वहीं साइबर अपराधी इसी भावनात्मक अवसर का फायदा उठाकर लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा के निर्देशानुसार राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को एक नई और गंभीर साइबर ठगी के तरीके के प्रति सतर्क किया है। ठग अब सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से नकली ई-निमंत्रण या गिफ्ट लिंक भेज रहे हैं, जिन पर क्लिक करते ही उपयोगकर्ताओं के मोबाइल डेटा और बैंकिंग विवरण खतरे में पड़ सकते हैं।
उप महानिरीक्षक पुलिस साइबर क्राइम विकास शर्मा ने बताया कि अपराधी अक्सर “आमंत्रण.apk” नामक फर्जी फाइल भेजते हैं। यह फाइल देखने में किसी शादी के निमंत्रण या लोकेशन लिंक जैसी लगती है, लेकिन जैसे ही कोई व्यक्ति इस पर क्लिक करता है, यह उसके मोबाइल में एक हानिकारक एप्लिकेशन के रूप में इंस्टॉल हो जाती है। यह कोई सामान्य ऐप नहीं, बल्कि एक खतरनाक “बैकडोर मैलवेयर” है, जो चुपचाप मोबाइल के कैमरा, एसएमएस, संपर्क सूची और फाइल एक्सेस जैसी अनुमतियों को प्राप्त कर लेता है।
मैलवेयर एक बार सक्रिय होने पर उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी, बैंकिंग डिटेल्स, ओटीपी और पासवर्ड तक चोरी करने लगता है। यह डेटा साइबर अपराधियों तक पहुंच जाता है, जो इसका इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी और वित्तीय ठगी के लिए करते हैं। कई मामलों में लोगों के बैंक खातों से पैसे गायब होने, मोबाइल हैंकिंग और डिवाइस पर नियंत्रण खोने जैसी घटनाएं सामने आई हैं।
| सुरक्षा उपाय | क्या करें और क्यों जरूरी है |
|---|---|
| 1. भेजने वाले की पहचान सुनिश्चित करें | किसी भी ई-निमंत्रण या गिफ्ट लिंक पर क्लिक करने से पहले यह जांचें कि लिंक किसने भेजा है। इससे फर्जी या संदिग्ध लिंक से बचा जा सकता है। |
| 2. “Install from unknown sources” को Disabled करें | मोबाइल की सेटिंग में यह विकल्प बंद रखने से कोई भी अज्ञात ऐप अपने-आप इंस्टॉल नहीं हो पाएगा, जिससे हैकिंग का खतरा घटेगा। |
| 3. केवल आधिकारिक ऐप स्टोर से डाउनलोड करें | हमेशा Google Play Store या Apple App Store से ही ऐप डाउनलोड करें, ताकि नकली या हानिकारक एप्लिकेशन इंस्टॉल न हो। |
| 4. विश्वसनीय एंटीवायरस या सिक्योरिटी ऐप लगाएं | एंटीवायरस ऐप आपके मोबाइल को हानिकारक सॉफ्टवेयर और वायरस से बचाता है। |
| 5. संदिग्ध लिंक या संदेश तुरंत डिलीट करें | ऐसे लिंक को न खोलें, न आगे भेजें। तुरंत डिलीट करें और दूसरों को भी सतर्क करें ताकि वे ठगी से बच सकें। |
यदि कोई व्यक्ति ऐसी ठगी का शिकार होता है, तो उसे तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करना चाहिए या पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करनी चाहिए। साथ ही पुलिस मुख्यालय के हेल्पडेस्क नंबर 9256001930 या 9257510100 पर भी सहायता ली जा सकती है।
साइबर क्राइम शाखा ने अपील की है कि लोग तकनीक का इस्तेमाल विवेक और सतर्कता के साथ करें। थोड़ी सी लापरवाही आपकी निजी जानकारी और गाढ़ी कमाई को खतरे में डाल सकती है। इस विवाह सीजन में “ई-निमंत्रण” स्वीकार करने से पहले सतर्क रहें—कहीं यह आमंत्रण नहीं, एक साइबर जाल हो।
Updated on:
02 Nov 2025 09:28 am
Published on:
02 Nov 2025 08:35 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग

