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Motivation Story: जब संवेदना सेवा में बदलती है, तो मूक-बधिरता भी अपनी आवाज़ पा लेती है

Cricket Kit Donation: शिक्षकों की संवेदना बनी प्रेरणा, मूक-बधिर बच्चों तक पहुंची खेल सामग्री, बच्चों की खेल भावना को मिला नया आसमान। जहां शब्द नहीं, वहां हौसले बोले—खेल बना आत्मविश्वास की भाषा।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Nov 03, 2025

Sports Motivation: जयपुर। मूक-बधिर विद्यार्थियों की मुस्कान उस पल और भी गहरी हो गई, जब उनके हाथों में खेल सामग्री पहुंची। ये सिर्फ बल्ला या गेंद नहीं थे, बल्कि उनके सपनों को पंख देने वाले औज़ार थे। मूक-बधिर विद्यालय के खेल प्रभारी संजय भारद्वाज ने जब विद्यार्थियों में छिपी खेल प्रतिभा को देखा, तो उन्होंने ठान लिया कि इन बच्चों की खेल भावना को नया आयाम देना है। उन्होंने अपनी साथी शिक्षिका सुष्मिता गिल को प्रेरित किया, और उनके सहयोग से पूरी क्रिकेट किट विद्यार्थियों तक पहुंचाई।

इससे पहले भी उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर चार जुडो किट, फुटबॉल, बैडमिंटन, कैरम और शतरंज जैसी खेल सामग्री जुटाकर बच्चों को दी थी। यह प्रयास केवल खेल तक सीमित नहीं, बल्कि उन बच्चों के आत्मविश्वास को जगाने की पहल भी है, जो शब्दों से नहीं, कर्मों से दुनिया को सुनाते हैं।

विद्यालय के संस्था प्रधान भरत जोशी ने इस प्रेरणादायक कार्य की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे शिक्षक समाज में आशा के दीपक हैं। वास्तव में, जब संवेदना सेवा में बदलती है, तो मूक-बधिरता भी अपनी आवाज़ पा लेती है—एक ऐसी आवाज़, जो प्रेरणा देती है कि सीमाएं नहीं, केवल हौसले मायने रखते हैं।