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अचानक पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी: हटाए पाटे व अवरोध, खुली घाटिया… आवागमन हुआ सुगम

इस दौरान अखे प्रोल से बेरीसाल बुर्ज तक निरीक्षण के दौरान सडक़ घेरकर बैठे दुकानदारों को हटाया गया, घाटियों पर रखे पाटे व सामान को समेटने की चेतावनी दी गई।

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स्वर्णनगरी के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग में मंगलवार को प्रशासनिक तंत्र की अचानक कार्रवाई से हडक़ंप मच गया। लंबे समय से अव्यवस्थाओं और कब्जों से जूझ रहे दुर्ग की घाटियां खुली नजर आने लगीं। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने घाटियों पर रखे पाटे, सेल्फी पॉइंट और सडक़ पर रखे सामान को हटाया। इससे न केवल आवागमन सुगम हुआ बल्कि सोनार दुर्ग का सौन्दर्य भी निखर उठा।

सुबह अचानक पहुंची प्रशासनिक टीम, शाम को भी आई

पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाशदान जुगतावत, उपखंड अधिकारी सक्षम गोयल, पुलिस उप अधीक्षक रूपसिंह इंदा और नगरपालिका आयुक्त लजपालसिंह सोढ़ा के नेतृत्व में टीम मंगलवार सुबह सोनार दुर्ग पहुंची। इस दौरान अखे प्रोल से बेरीसाल बुर्ज तक निरीक्षण के दौरान सडक़ घेरकर बैठे दुकानदारों को हटाया गया, घाटियों पर रखे पाटे व सामान को समेटने की चेतावनी दी गई। सोनार दुर्ग के प्रवेश द्वार के पास खड़ी टैक्सियों को पीछे किया गया तथा भीतर खड़े वाहनों को दीवार से सटाकर खड़ा करवाया गया ताकि रास्ता बाधित न हो। कार्रवाई के बाद घाटियों से अवैध कब्जे हटते ही दुर्ग का दृश्य पूरी तरह बदल गया। सैलानियों ने राहत की सांस ली और खुले रास्तों में घूमते हुए फोटोग्राफी का आनंद लिया। स्थानीय बाशिंदों ने भी कहा कि लंबे समय बाद सोनाार दुर्ग का असली सौन्दर्य दिखाई दिया है।

पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा

गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका में 26 अक्टूबर को अव्यवस्थाओं के बीच घुट रहा सोनार दुर्ग, पग-पग पर परेशानी शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। समाचार में किले की घाटियों पर अवैध कब्जों की स्थिति और जिम्मेदारों की अनदेखी को बताया गया था। समाचार प्रकाशन के बाद प्रशासनिक और पुलिस तंत्र हरकत में आया और मंगलवार को मौके पर पहुंचकर व्यवस्था सुधारने की कवायद शुरू की गई। कुछ ही घंटों में घाटियां खुल गईं और दुर्ग का दृश्य बिल्कुल बदल गया।