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खुश होकर जाएंगे तो बार-बार आएंगे…ठगी और अभद्रता रोकना जरूरी

स्वर्णनगरी का पर्यटन सीजन दस्तक दे चुका है। आने वाले दिनों में प्रतिदिन हजारों देशी-विदेशी सैलानी सोनार दुर्ग, हवेलियों की अनूठी नक्काशी, गड़ीसर सरोवर और सम-खुहड़ी के रेत धोरों का अद्भुत अनुभव लेने पहुंचेंगे।

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स्वर्णनगरी का पर्यटन सीजन दस्तक दे चुका है। आने वाले दिनों में प्रतिदिन हजारों देशी-विदेशी सैलानी सोनार दुर्ग, हवेलियों की अनूठी नक्काशी, गड़ीसर सरोवर और सम-खुहड़ी के रेत धोरों का अद्भुत अनुभव लेने पहुंचेंगे। यह समय जैसलमेर की छवि पर सबसे अधिक ध्यान देने का है। पिछले कुछ वर्षों में पर्यटकों से ठगी, मनमाने दाम व अभद्र व्यवहार जैसी घटनाओं ने शहर की पहचान को गहरा नुकसान पहुंचाया है। सोशल मीडिया पर इन घटनाओं के वीडियो और शिकायतें वायरल होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जैसलमेर की छवि दागदार हुई है। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यटन कारोबार शहर की अर्थव्यवस्था का सबसे मजबूत आधार है। ऐसे में छोटी-सी लापरवाही भी भविष्य को नुकसान पहुंचा सकती है

धुंधली न हो जाए सुनहरी नगरी की चमक

थार मरुस्थल में बसा स्वर्णिम जैसलमेर हर साल लाखों सैलानियों को आकर्षित करता है। लेकिन बीते सीजन में कई पर्यटकों ने ठगी और दुव्र्यवहार के अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किए। कई मामलों में वीडियो तक वायरल हुए, जिनमें अभद्रता और धोखाधड़ी स्पष्ट दिखाई दी। यह घटनाएं केवल व्यक्तिगत नुकसान नहीं हैं, बल्कि पूरे शहर की प्रतिष्ठा को धूमिल करती हैं। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि एक पर्यटक का खराब अनुभव सौ अन्य संभावित सैलानियों को रोक देता है।

हकीकत : सचेत होने का समय

विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि अगर हालात पर नियंत्रण नहीं हुआ तो टूर एजेंसियां अपने पैकेज से जैसलमेर को हटाना शुरू कर सकती हैं। इसका सीधा असर हजारों परिवारों की आजीविका पर पड़ेगा। प्रशासन ने बार-बार होटल, गाइड, ट्रांसपोर्ट और सफारी संचालकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। शिकायतों के लिए हेल्पलाइन और त्वरित कार्रवाई दल गठित किए गए, फिर भी धरातल पर लपका तत्व सक्रिय नजर आते हैं। रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, टैक्सी स्टैंड और भारतमाला रोड पर इनकी मौजूदगी अब भी बनी हुई है। हालांकि सम जाने वाले मार्ग पर पिछले दो वर्षों में इन पर लगभग अंकुश लगाया गया है।

हालात न सुधरे तो होगी परेशानी

पधारो म्हारे देश.. केवल नारा नहीं, बल्कि राजस्थान की पहचान है। पर्यटकों के साथ ईमानदार और आत्मीय व्यवहार बनाए रखना सिर्फ नैतिक कर्तव्य नहीं, बल्कि शहर के सुनहरे भविष्य की शर्त है। यदि हालात नहीं सुधरे तो सोनार नगरी की चमक फीकी पडऩे का खतरा है।

  • डॉ. गौरव बिस्सा, मैनेजमेंट विशेषज्ञ

सैलानियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

सैलानियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। ठगी और लपका तत्वों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होगी और पर्यटकों की सुविधा व सुरक्षा पर पूरी सजगता बरती जाएगी।

  • अभिषेक शिवहरे, पुलिस अधीक्षक, जैसलमेर