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द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन में उत्साह के साथ भागे धावक

सीमावर्ती जैसलमेर शहर से ऐतिहासिक युद्धस्थल लोंगेवाला तक की 160 किलोमीटर लम्बी द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन दौड़ शनिवार को सम मार्ग स्थित इंदिरा इंडोर स्टेडियम से रवाना हुई।

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सीमावर्ती जैसलमेर शहर से ऐतिहासिक युद्धस्थल लोंगेवाला तक की 160 किलोमीटर लम्बी द बॉर्डर अल्ट्रा मैराथन दौड़ शनिवार को सम मार्ग स्थित इंदिरा इंडोर स्टेडियम से रवाना हुई। भारतीय सेना के बैटल एक्स डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडेंट, मेजर जनरल आशीष खुराना ने फ्लैग ऑफ किया। मैराथन के दौरान सबसे पहले 160 किमी दौड़ में हिस्सा लेने वालों को रवाना किया गया। इसके बाद 100 किमी और फिर 50 किमी के धावक रवाना हुए। इस मैराथन में करीब 1100 धावकों ने उत्साह के साथ भाग लिया। बताया जाता है कि विमान सेवाओं के गड़बड़ा जाने से करीब 100 धावक जैसलमेर नहीं पहुंच पाए। जैसलमेर से इस दौड़ में भाग लेने वालों में अतिरिक्त कलक्टर परसाराम सैनी, यूआइटी सचिव सुखराम पटेल और नगरपरिषद आयुक्त लजपाल सिंह सोढ़ा शामिल थे। वे 50 किमी की मैराथन में शामिल हैं।

5 एम्बुलेंस रखे तैनात

मैराथन दौड़ के लिए बनाए गए डिहाइड्रेशन सेंटर पर 5 एम्बुलेंस तैनात हैं, जिनमें डॉक्टर और पूरा मेडिकल स्टाफ मौजूद है। साथ ही पोर्टेबल इमरजेंसी मशीनें भी रखी गई। वहां मेडिकल टीम धावकों का ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल और हार्ट रेट भी चेक कर रही थी। धावकों को फस्र्ट-एड, आइस पैक, दर्द से राहत देने वाली दवा दी गई। आयोजकों की पूरी टीम हर धावक पर नजर रख रही थी। दौड़ के दौरान प्रत्येक 10 किमी पर सेंटर, एम्बुलेंस, मेडिकल टीम और पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई। यह मैराथन रविवार को लोंगेवाला में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ संपन्न होगी। जैसलमेर से लौद्रवा गांव के पास हाइड्रेशन-डिहाइड्रेशन सेंटर पर धावक पहुंच रहे हैं। वहां उन्हें पानी, फ्रूट्स, प्रोटीन, एनर्जी ड्रिंक्स, इलेक्ट्रोलाइट और विटामिन दिए गए। हाइड्रेशन और डिहाइड्रेशन सेंटर पर चिप्स, एनर्जी बार और स्नैक्स भी रखे गए ताकि अगर धावकों को भूख लगे तो वे कुछ हल्का खाकर तुरंत एनर्जी ले सकें। रेस के संयोजक विश्वास सिंधु ने बताया कि यह भारत की सबसे बड़ी अल्ट्रा मैराथन है। यहां का वातावरण ऐसा है कि इसे पूरा करने के लिए काफी परेशानी होती है। आर्मी और स्थानीय मेडिकल प्रशासन की ओर से मेडिकल सुविधाएं दी गई।