
पोकरण क्षेत्र की केलावा ग्राम पंचायत के सुगनपुरा गांव निवासी एक नाबालिग की ओर से मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने पर तहसील कार्यालय की ओर से पति अथवा सास-ससुर के मूल निवास मांगते हुए आवेदन पुन: लौटा दिया गया। जिससे परिजन परेशान हो रहे है। इस संबंध में परिजनों ने उपखंड अधिकारी को गुहार लगाई है। सुगनपुरा निवासी इनाम मेहर ने बताया कि उसकी भतीजी 11 वर्षीय रुकसाना पुत्री रऊफखां की ओर से मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया था। तहसील कार्यालय के लिपिक की ओर से आवेदन में पति अथवा सास-ससुर के मूल निवास साथ लगाने की टिप्पणी करते हुए वापिस लौटा दिया गया। जब उसे जानकारी मिली तो अब वह परेशान है कि नाबालिग के पति अथवा सास-ससुर का मूल निवास कहां से लेकर आए। जबकि उसकी ओर से पिता का मूल निवास प्रमाण पत्र साथ लगा दिया गया था। इनाम मेहर ने इस संबंध में उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर समस्या से अवगत करवाया और समस्या के समाधान की मांग की।
इस मामले की जानकारी मिली है। आवेदक की ओर से बालिग का शपथ पत्र दिया गया। जिसके कारण लिपिक की ओर से भूलवश टिप्पणी कर दी गई है। जिसके लिए पुन: माता या पिता का शपथ पत्र प्रस्तुत करने के लिए कह दिया गया है। भूल सुधार कर मूल निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
Published on:
11 Nov 2025 08:36 pm
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