2 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्वर्णनगरी एक्सप्रेस के शुभारंभ के दौरान पटरी पर आए गिद्ध, लोको पायलट ने बचाई जान

पोकरण क्षेत्र के लाठी-धोलिया गांव के पास दो दिन पूर्व रेलवे पटरियों पर आए दुर्लभ व संकटग्रस्त प्रजाति के गिद्धों को लोको पायलट की सूझबूझ से बचा लिया गया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग लोको पायलट की प्रशंसा कर रहे हैं।

2 min read
Google source verification

पोकरण क्षेत्र के लाठी-धोलिया गांव के पास दो दिन पूर्व रेलवे पटरियों पर आए दुर्लभ व संकटग्रस्त प्रजाति के गिद्धों को लोको पायलट की सूझबूझ से बचा लिया गया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग लोको पायलट की प्रशंसा कर रहे हैं।

जैसलमेर-दिल्ली के बीच शनिवार को नई रेल शुरू हुई है। जिसे स्वर्णनगरी एक्सप्रेस नाम दिया गया है। केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया। लाठी-धोलिया क्षेत्र से जब यह ट्रेन गुजर रही थी, उस समय लोको पायलट को पटरियों पर गिद्धों का समूह नजर आया, जो रेलवे पटरी के पास किसी मृत पशु को अपना निवाला बना रहे थे। एक साथ बड़ी संख्या में गिद्धों को देखकर लोको पायलट ने समझदारी दिखाई और रेल को धीरे कर दिया।

साथ ही लगातार तेज हॉर्न बजाया। इससे सभी गिद्ध उड़ गए और कोई भी गिद्ध रेल की चपेट में नहीं आया। इसके बाद रेल को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया गया। कुछ यात्रियों ने इसका वीडियो बनाया। रविवार की शाम से यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और हर कोई लोको पायलट की संवेदनशीलता की सराहना कर रहा है।
गौरतलब है कि लाठी, खेतोलाई, भादरिया, धोलिया, सोढ़ाकोर पशु बाहुल्य क्षेत्र हैं। ऐसे में प्रतिवर्ष संकटग्रस्त व दुर्लभ प्रजाति के सैकड़ों गिद्ध इस क्षेत्र में डेरा डालते हैं।

लंबे समय से की जा रही तारबंदी या जाली लगाने की मांग

घटना के बाद पर्यावरणप्रेमी पार्थ जगानी और सुमेरसिंह भाटी ने कहा कि लोको पायलट का यह कदम न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के प्रति रेलवे की जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। उन्होंने बताया कि लाठी, धोलिया, ओढ़ाणिया, सोढ़ाकोर क्षेत्र में आए दिन रेल की चपेट में आने से पशुओं, वन्यजीवों की मौत हो रही है। इसको लेकर लंबे समय से पशु बाहुल्य क्षेत्रों में पटरियों के किनारे तारबंदी या जाली लगाने की मांग की जा रही है, लेकिन जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे है।