Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जहां रहता था शोर-शराबा, अब छाया सन्नाटा: निजी बसों की हड़ताल से बदले हुए हालात

राज्य भर की भांति जैसलमेर में भी ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट स्लीपर बसों की बेमियादी हड़ताल का असर भरपूर ढंग से देखा जा रहा है।

less than 1 minute read
Google source verification

module: a; hw-remosaic: 0; touch: (-1.0, -1.0); modeInfo: ; sceneMode: Auto; cct_value: 0; AI_Scene: (-1, -1); aec_lux: 140.0; hist255: 0.0; hist252~255: 0.0; hist0~25: 0.0;

राज्य भर की भांति जैसलमेर में भी ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट स्लीपर बसों की बेमियादी हड़ताल का असर भरपूर ढंग से देखा जा रहा है। यहां से स्लीपर के अलावा निजी क्षेत्र की सीटिंग वाली बसों की आवाजाही भी लगभग पूरी तरह से बंद है। बीते दिनों से जारी हड़ताल के चलते जैसलमेर में निजी बसों के एयरफोर्स मार्ग स्थित गुरुद्वारा के पास मुख्य स्टेंड और पूरे एयरफोर्स चौराहा के पास आम दिनों में जो चहल-पहल रहती है, वह पूरी तरह से वर्तमान में गायब है। यहां पर निजी ट्रेवल एजेंसियों के कार्यालयों पर ताले लटक रहे हैं। सुबह से शाम तक की जोधपुर, बीकानेर, अहमदाबाद, उदयपुर, जयपुर आदि की बसें इसी इलाके से आवजाही करती हैं।

जिसके कारण सामान्य दिनों में यात्रियों की भीड़ और छोटी-मोटी दुकानों व ठेलों आदि के संचालित होने से रौनक रहती है। इन दिनों निजी बसों की हड़ताल के कारण उन दुकानों व ठेलों पर भी रौनक नहीं है। कई निजी बसें यहां सडक़ व खाली स्थल पर खड़ी अवश्य की गई है। दूसरी ओर सोमवार को भी निजी बसों की हड़ताल के जारी रहने से स्थानीय बाशिंदों के साथ जैसलमेर घूमने आए सैलानियों को गंतव्यों के लिए जाने अथवा स्वर्णनगरी आने के लिए सार्वजनिक यातायात के साधनों के रूप में रेलों और रोडवेज की बसों का ही प्रमुख रूप से सहारा रहा। इस हड़ताल के कारण आम तौर पर यात्रियों को तरसने वाली रोडवेज बसों में अच्छी-खासी संख्या में लोग सफर कर रहे हैं।