
ब्रेकिंग न्यूज़, pc: पत्रिका
जालौन जिले के बुढ़ावल्ली गांव में दर्दनाक घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। गुरुवार दोपहर को हरिप्रकाश यादव उर्फ छौना (39) को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। परिजनों ने उन्हें तुरंत सीएचसी माधौगढ़ पहुंचाया, जहां से हालत गंभीर बताकर उरई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। रात में तबीयत और बिगड़ने पर झांसी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे इलाज के दौरान हरिप्रकाश की मौत हो गई।
शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे जब हरिप्रकाश का शव गांव पहुंचा तो घर में कोहराम मच गया। मां किशोरी देवी (72) बेटे का चेहरा देखते ही दौड़ पड़ीं। बेटे के शव से लिपटकर वे फूट-फूटकर रोने लगीं। थोड़ी देर बाद अचानक उन्हें भी सीने में दर्द हुआ और वे जमीन पर गिर पड़ीं।
परिजनों ने पानी डाला और डॉक्टर को बुलाया, लेकिन तब तक किशोरी देवी की भी मौत हो चुकी थी। परिजन उन्हें सीएचसी माधौगढ़ ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि किशोरी देवी अपने छोटे बेटे हरिप्रकाश से बेहद स्नेह करती थीं। बड़े बेटे हरिशंकर ने बताया कि मां अक्सर कहती थीं, “मेरे जीने की वजह छोटा बेटा हरिप्रकाश ही है।”
किशोरी देवी की मौत के बाद परिवार ने मां-बेटे का अंतिम संस्कार एक साथ करने का निर्णय लिया। दोनों की अर्थियां एक साथ उठीं — बेटे की अर्थी आगे और मां की पीछे। पूरे गांव की आंखें नम थीं जब दोनों की चिताएं साथ जल उठीं।
हरिप्रकाश तीन भाइयों में सबसे छोटे और अविवाहित थे। परिवार में दो बड़े भाई भानु प्रकाश और हरिशंकर, भाभियां राजकुमारी और मंजू, तथा भतीजे हवलदार व आर्यन हैं। पिता मायाराम का निधन पांच वर्ष पूर्व हो चुका है।
Published on:
08 Nov 2025 01:56 pm
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