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Rajasthan Expressway: खतरे से खाली नहीं है राजस्थान के इस एक्सप्रेस-वे पर सफर, NHAI पर उठ रहे सवाल

Bharatmala Expressway: सांचौर से बागोड़ा के बीच लगभग 80 किलोमीटर के दायरे में अब तक आपातकालीन एबुलेंस या वैकल्पिक मेडिकल सहायता की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे यात्रियों की जान जोखिम में बनी हुई है।

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Bharatmala Expressway

भारतमाला हाईवे की सर्विस रोड पर खड़ा पशु। फोटो- पत्रिका

जालोर। भारतमाला एक्सप्रेस-वे पर बने कट और मोड़ पर सुरक्षा मापदंड पूरे नहीं होने से हादसे की आशंका लगातार बनी हुई है। एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा इंतजाम अधूरे हैं और एकतरफा ट्रैफिक व्यवस्था के चलते हादसे की स्थिति में घायलों तक तत्काल सहायता पहुंचाना भी मुश्किल हो जाता है।

यात्रियों की जान जोखिम में बनी

सांचौर से बागोड़ा के बीच लगभग 80 किलोमीटर के दायरे में अब तक आपातकालीन एबुलेंस या वैकल्पिक मेडिकल सहायता की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे यात्रियों की जान जोखिम में बनी हुई है। बुधवार को हुए एक कार हादसे के बाद एनएचएआई की भूमिका एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बताया जा रहा है कि विभाग की ओर से बिना एनओसी के ही एक्सप्रेस-वे पर यातायात का संचालन किया जा रहा है।

लगातार हो रहे हादसों के बावजूद विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजर सहित जिम्मेदार अधिकारियों ने केवल औपचारिक निरीक्षण कर संतोष कर लिया। इस दौरान लाछड़ी सरहद स्थित टोल नाके से दोनों ओर छोटे वाहनों के लिए रास्ता खोल दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही एक्सप्रेस वे को पूर्ण रूप से खोला जाएगा, जिसके लिए तैयारियां जारी हैं।

खुले में घूमते पशु बन सकते हैं हादसे का कारण

भारतमाला एक्सप्रेस-वे पर खुले में विचरण करते पशु वाहन चालकों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। एक्सप्रेस-वे पर मवेशी आसानी से घूमते हुए देखे जा सकते हैं, जबकि इस मार्ग पर वाहनों की रफ्तार अधिक होती है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बावजूद विभाग और निर्माण कंपनी की ओर से पशुओं की सुरक्षा व नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

इनका कहना है

एक्सप्रेस वे पर फिलहाल ट्रेफिक बन्द है। सप्ताह भर में विभागीय स्तर पर कार्यवाही कर चालू कर दिया जाएगा। कुछ जगह काम पेंडिंग है, जिसे जल्द पूरा किया जाएगा। हालांकि एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले वाहन अपनी मर्जी से कहीं से चढ़ जाते हैं, जिसको लेकर हमने निरीक्षण भी किया है।

  • गजेन्द्रसिंह चौहान, प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचएआई