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कृषि ज्ञान एवं तकनीक को समाज से जोडऩे की जरूरत : डॉ. पाटील

डिजिटल वातावरण के संजाल में कृषि ज्ञान प्रबंधन के साधन पर कार्यशाला सम्पन्न

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कृषि ज्ञान एवं तकनीक को समाज से जोडऩे की जरूरत : डॉ. पाटील

कृषि ज्ञान एवं तकनीक को समाज से जोडऩे की जरूरत : डॉ. पाटील

रायपुर. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर और प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन किया गया। नेटवर्क डिजिटल वातावरण में कृषि ज्ञान प्रबंधन के साधन विषय आयोजित कार्यशाला के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील थे।

उन्होंने कहा कि ज्ञान एवं तकनीक तभी उपयोगी है जब वह समाज के हर तकबे तक पहुंचे। कृषि संबंधी ज्ञान एवं तकनीक को कृषक समाज तक पहुंचाने की जरूरत है। आज के डिजिटल युग में सूचना एवं ज्ञान प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं लेकिन यह वास्तविक उपयोगकर्ताओं तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसलिए उपलब्ध ज्ञान और तकनीक की समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल के सदस्य आनंद मिश्रा ने पुस्तकालयों की महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि किताबें हमारी सच्ची दोस्त हैं। किताबों के द्वारा हममें ज्ञान एवं सूचनाओं के साथ-साथ संवेदनाओं का विकास भी होता है। इस अवसर पर भारतीय कृषि पुस्तकालय संघ के अध्यक्ष एवं पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. के वीरांजेन्युल ने डिजिटिलाइजेशन की कृषि ज्ञान में उपयोगिता बताई। कार्यशाला में देश भर के 400 से अधिक प्राध्यापक, वैज्ञानिक, पुस्तकालयाध्यक्ष, छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।