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विप्र स्वास्थ्यसेवा संगठन ने कोरोना से बचने पत्रिका कार्यालय में बांटी दवाईयां

मरीन ड्राइव सहित अन्य जगहों में भी दवाएं देकर लोगों को कर रहे वायरस के प्रति जागरूक

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विप्र स्वास्थ्यसेवा संगठन ने कोरोना से बचने पत्रिका कार्यालय में बांटी दवाईयां

विप्र स्वास्थ्यसेवा संगठन ने कोरोना से बचने पत्रिका कार्यालय में बांटी दवाईयां

रायपुर. समाजसेवी संस्था विप्र स्वास्थ्यसेवा संगठन कोरोना वायरस के प्रति लोगों में जागरूकता लाने शहर में मरीन ड्राइव सहित अलग-अलग स्थानों में नि:शुक्ल दवा का वितरण किया। इसी क्रम में संस्था के लोग मंगलवार शाम पत्रिका कार्यालय पहुंचे और कोरोना से बचने के लिए पूरे स्टॉफ को ऑर्सेनिक अल्ब-30 दवा का वितरण किया।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश दीवान ने इस दौरान कोरोना वायरस के बारे में पूरी जानकारी दी। डॉ. दीवान ने बताया कि कोरोना एक वायरस है। भारत में बैक्टीरिया का इलाज तो संभव है, लेकिन अभी तक वायरस का इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। इसलिए कोरोना का इलाज अभी तक संभव नहीं हो सका है। इससे बचाव के लिए सावधानी एक मात्र इलाज है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक ऑर्सेनिक अल्ब-30 दवा का सेवन यदि किया जाए तो वह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को छह माह तक के लिए बढ़ा देता है। इससे यदि आब कोरोना वायरस से संक्रमित होंगे भी तो इसका विपरीत असर नहीं होने पाएगा। उन्होंने कहा कि यदि इस दवा की चार-चार गोलियां तीन से चार दिन तक खाई जाएं तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस हवा से हवा में किसी दूसरे को संक्रमित नहीं कर सकता है। यह केवल संक्रमित व्यक्ति को छूने से ही फैलता है। इसलिए चाहिए कि हांथ को समय-समय धोते रहें। बाहर रहें तो सेनिटाइजर से हांथ को साफ करें। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाएं और कम से कम ट्रेवेल करें। इस दौरान उनके साथ संगठन की ओर से नरेंद्र गौरहा, अंजली दुबे, स्निग्धा मिश्रा और लीना गौरहा भी मौजूद रहे।