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प्रदेश के 14 हजार स्कूलों में कंप्यूटर लैब, पढ़ाने वाले आधे भी नहीं

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में कहीं कंप्यूटर लैब नहीं है तो कहीं लैब है तो पढ़ाने के लिए कंप्यूटर अनुदेशक नहीं है।

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- 4 हजार अनुदेशक के पद खाली

झालावाड़.राजस्थान के सरकारी स्कूलों में कहीं कंप्यूटर लैब नहीं है तो कहीं लैब है तो पढ़ाने के लिए कंप्यूटर अनुदेशक नहीं है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में करीब 20000 से अधिक माध्यमिक विद्यालय हैं। इन माध्यमिक विद्यालयों में से 13976 स्कूलों में कंप्यूटर लैब है लेकिन प्रदेश में कंप्यूटर लैब के संचालन के लिए केवल 6000 कंप्यूटर अनुदेशक उपलब्ध हैं। ऐसे में 7976 स्कूलों की कंप्यूटर लैब साइंस के अध्यापक या अन्य अध्यापकों के भरोसे है। झालावाड़ जिले में बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशकों के 229 पद स्वीकृत है, जिसमें से 134 कार्यरत है। वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशकों के 25 पद खाली चल रहे हैं।

जिले स्कूलों में कहीं-

कहीं तो कंप्यूटर लैब के ताले लगे हुए हैं और कई जगह देखभाल के अभाव में कंप्यूटर खराब हो चुके हैं। 21वीं सदी में आइटी क्रांति के दौर में भी हमारे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी कंप्यूटर शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं।शहर, कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल में प्रिंसिपल, अध्यापक भामाशाहों से मिन्नतें कर कंप्यूटर लैब बनवा रहे हैं। कहीं अध्यापक स्वयं अपनी तनख्वाह से रुपए देकर एक-एक कंप्यूटर भेंट कर लैब तैयार कर रहे हैं ताकि उनके स्कूलों में सभी सुविधाएं उपलब्ध हो और अभिभावक अधिक से अधिक सरकारी विद्यालयों में बच्चों का प्रवेश करवा सके। नामांकन बढ़ाने के लिए प्रिंसिपल व अध्यापक हर संभव काम कर रहे हैं लेकिन राज्य सरकार और शिक्षा मंत्री की उदासीनता के चलते कंप्यूटर लैब कबाड़ में तब्दील हो रही है।2021 की भर्ती में 4 हजार से अधिक पद खाली रह गए थे-

गौरतलब है कि पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के समय कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती- 2021 में 10157 पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित हुई थी। इस भर्ती परीक्षा में करीब 3 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी, लेकिन 40 प्रतिशत न्यूनतम अर्हता और कठिन पेपर स्तर के कारण केवल 6000 पद ही भर पाए थे। उक्त कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती में 4000 से अधिक पद रिक्त रह गए थे, इन पर न तो पिछली सरकार ने ध्यान दिया। युवाओं के आंदोलन करने पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भर्ती करने पर सहमति जताई थी लेकिन भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की थी। वर्तमान भजनलाल सरकार भी कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती करवाने पर ध्यान नहीं दे रही है।

फैक्ट फाइल-

- जिले में बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक के स्वीकृत पद - 229

- जिले में कार्यरत बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक के पद -134- जिले में वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक के स्वीकृत पद- 31

- जिले में कार्यरत वरिष्ठ कम्प्यूटर -6

आइटी बेरोजगार कर चुके आंदोलन-

राजस्थान के आइटी बेरोजगार कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती करवाने की मांग को लेकर आंदोलन कर चुके हैं और शिक्षामंत्री, मुख्यमंत्री के नाम कई बार ज्ञापन दे चुके हैं। सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी मांगें सरकार तक पहुंचा चुके हैं लेकिन इनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

प्रदेशभर के अनुदेशक को पढ़ाने की उनसे अन्य काम करवाए जा रहे हैं, इससे बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा नहीं मिल पा रही है । कम्प्यूटर अनुदेशकों की ग्रेड पे 2800 है, इसे बढ़ाया जाएं। प्रदेशभर में लगे कम्प्यूटर अनुदेशक पूर्व में बड़ी कंपनियों में काम कर चुके हैं, उन्हे अच्छा नॉलेज होने के बाद भी अन्य ऑफिस के कामों के चलते वो बच्चों को नहीं दे पाते हैं। सरकार से हमारा आग्रह है कि स्कूलों में खोली गई कम्प्यूटर लैब में प्रेक्टिल व थ्योरी पढ़ाने दिया जाएं। अभी तक 9 व 10 कक्षा में कम्प्यूटर की कीताबें भी अभी तक नहीं आए। सरकार अगर तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना चाहती है तो अनुदेशकों से स्कूलों में पढ़ाई ही करवाएं। प्रदेशभर में खाली 6 हजार से अधिक कम्प्यूटर अनुदेशकों के पद जल्द भरें जाएं।

भोजराज गुर्जर, जिलाध्यक्ष कम्प्यूटर अनुदेशक संघ, झालावाड़।