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1 करोड़ 82 लाख की साइबर ठगी का आरोपी गिरफ्तार

- बड़ी संख्या में मोबाइल सिमकार्ड मिले

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झालावाड़ झालावाड़ पुलिस ने चैन्नई के एक प्रकरण में एक साईबर ठग को एक करोड़ से अधिक की ठगी के मामले में गिरफ्तार करवाकर घोटाले का खुलासा किया।

जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि स्टेट साईबरक्राईमइन्वेस्टीगेशन सेंटर चैन्नई के एक प्रकरण व आईटी एक्ट में झालावाड़ भोई मोहल्ला निवासी मोहित गोचर (33) को गिरफ्तार किया। आरोपी ने इन्वेस्टमेंट ट्रेडिंग के नाम पर झांसा देकर फरियादी से 1 करोड 82 लाख 97 हजार 543 रुपए की ठगी की गई है। प्रकरण की जांच के दौरान पाया कि झालावाड निवासी आरोपी मोहित गोचर के आईसीआईसीआई खाता में बडी मात्रा में ठगी की राशि आना पाया गया।

आरोपी की तलाश के लिए चैन्नई से साईबरक्राईम विंग चैन्नई से डीएसपी आर. प्रियदर्शीनी के नेतृत्व में टीम झालावाड पहुंची। जहां आरोपी की गिरफ्तारी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल मीणा के निर्देशन में मनोज सोनी पुलिस उपाधीक्षकसाईबर थाना झालावाड़ के नेतृत्व में गठित टीम का गठनकर स्टेट साईबरक्राईमइन्वेस्टीगेशन यूनिट, चैन्नई व झालावाड़ पुलिस के संयुक्त अभियान के दौरान आरोपी मोहित गोचर के कब्जे से एक मोबाईल फोन, 7 चैक बुक, 4 चैक, 2 बैंक पास बुक, 8 डेबिट कार्ड, 136 सिम कार्ड, 300 पेज के रिज्युम डिटेल्स, एक कम्पनी की सील, क्युआर कोड, व शॉपिंग विद ड्रीम होम की स्लीप की डायरी बरामद की गई।

सक्रिय एजेंट के रूप में करता था काम-

पूछताछ व अनुसंधान में सामने आया कि आधार पर आरोपी भारतभर में सक्रिय संगठित साइबर अपराध नेटवर्क के लिए एक एजेंट के रूप में कार्य किया तथा सक्रिय रूप से मोबाइल सिम काडऱ् बैंक खाते और जाली पहचान दस्तावेज साइबर अपराधियों को खरीद और आपूर्ति की। जिससे बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी हो रही थी। अपनी गतिविधियों के शुरुआती दौर से ही आरोपी द्वारा व्यवस्थित रूप से आधार काडऱ्, पैन कार्ड और अन्य पहचान पत्र एकत्र किए।

अनजान लोगों के नाम पर खुलवाता था खाते-

कई बैंक खाते खोले और अनजान व्यक्तियों के नाम पर मोबाइल कनेक्शन प्राप्त किए तथा बाद में इन्हें साइबर सिंडिकेट को ऑनलाइन घोटालों, धोखाधड़ी और अवैध धन हस्तांतरण के लिए उपलब्ध कराया गया। आरोपी द्वारा बरामद वस्तुएं विभिन्न राज्यों में विभिन्न साइबर अपराध गतिविधियों से सीधे जुड़ी हुई थी। साक्ष्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि आरोपी ने साइबर अपराधियों द्वारा बड़े पैमाने पर लोगों को धोखा देने के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चैन्नई पुलिस इस मामले में अभी ओर अनुसंधान कर रही।