
फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Rajasthan News: झालावाड़ जिले में केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न सरकारी सहायता योजनाओं में सेंध लगाकर बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से राशि उठाने का भंडाफोड़ होने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय भी हरकत में गया। मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) के सीईओ राजेश कुमार ने शुक्रवार को झालावाड़ एसपी अमित कुमार से सपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी ली।
झालावाड़ पुलिस ने उन्हें पूरे मामले और अभियान की रिपोर्ट भेजी है। आईफोरसी देश में साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करता है।
एसपी ने कहा कि ऐसी बैंक शाखा को अवकाश के दौरान भी संचालित करवाया जाए, ताकि अनुसंधान कार्य तेजी से पूरा किया जा सके और अभियुक्तगण के विरुद्ध ठोस साक्ष्य संकलित की जा सके। क्षेत्रीय प्रबंधक अपने अधीन पदस्थापित जिला स्तरीय नोडल अधिकारी को निर्देशित करें कि वे इस प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी द्वारा वांछित समस्त सहयोग तथा वित्तीय विश्लेषण आदि तुरन्त उपलब्ध करावें।
ताकि इस गिरोह में शामिल अन्य अभियुक्त व उनके बैंक खातों पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जा सके। वे अपने अधीन पदस्थापित जिला स्तरीय नोडल अधिकारी को यह भी निर्देशित करें कि जिला मुयालय पर स्थित अन्य बैंक लीड बैंक के सबन्धित अधिकारीगण से सतत सपर्क बनाए रखें और आपस में आवश्यक जानकारी साझा करें ताकि जांच में अन्य बैंकों के संदिग्ध बैंक खाते सामने आने पर उनके विरुद्ध अविलब फ्रीजिंग कार्रवाई की जा सकें।
साइबर ठगी के मामले गिरतार तीसों आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार को अदालत में पेश किया,जहां से उन्हें पूछताछ के लिए 30 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया है।
झालावाड़ एसपी अमित कुमार ने जिले के सभी बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधकों को पत्र भेजकर ऑपरेशन शटरबन्द के तहत संदिग्ध पकड़े गए 11 हजार खातों को फ्रीज कर उनमें हुए लेनदेन की विस्तृत जांच करने के लिए कहा । एसपी ने बताया कि यदि इन खातों को तत्कल फ्रीज नहीं किया गया तो उनमें जमा राशि को खुर्दबुर्द किया जा सकता है। अब आईफोरसी के माध्यम से देशभर के बैंकों में हुए वित्तीय साइबर धोखाधड़ी की जांच होगी।
सभी संदिग्ध खातों को खंगाला जाएगा कि इसमें कब से कितनी सरकारी योजना की राशि आई और निकाली गई। जांच के लिए सभी बैंकों को झालावाड़ जिला मुख्यालय पर संचालित एक शाखा में सात दिन के लिए कम से कम 6 ऐसे कार्मिकों की टीम उपलब्ध कराने के लिए कहा है, जो तकनीकी रुप से वित्तीय जांच में दक्ष हों। यह टीम प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी को सहयोग करेगी।
Published on:
25 Oct 2025 11:48 am
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