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नियमों पर उदासीनता भारी: हजारों संविदा कर्मचारी नियमित की जो रहे बाट

- हाईकोर्ट ने कहा एजेंसी से व ठेके पर लगे संविदाकर्मियों को राहत, नियम 2022 के तहत मिलेगा लाभ

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झालावाड़.राजस्थान में विभिन्न सरकारी विभागों में संविदा पर लगे कर्मचारियों के लिए राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 बनाया है। इसके तहत संविदा पदों को नियमित पदों में परिवर्तित करना था। लेकिन चार साल बाद भी उनकी नियुक्ति नियमों के तहत नहीं हो पा रही है। नियम सभी विभागों को भेजे जा चुके हैं, लेकिन उच्च स्तर पर संविदा कर्मियों को नियमों के तहत लेने को लेकर रुचि नहीं ली जा रही है। हालांकि हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए प्रदेशभर में विभिन्न सरकारी योजनाओं और विभागों में प्लेसमेंट एजेंसियों व संविदा के माध्यम से कार्यरत हजारों कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत दी है।हाईकोर्ट के आदेश में कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी से नियुक्त संविदा कर्मियों को भी नियम 2022 का लाभ मिलेगा। सरकार को सभी पात्र कर्मचारियों को नियम 2022 के तहत लाभ देने के निर्देश दिए है।

संविदाकार्मिकों को ऐसे मिलेगी राहत-

हाईकोट ने सभी याचिकाओं को स्वीकार करते हुए निर्देश दिया कि प्रत्येक कर्मचारी का व्यक्तिगत मामला राजस्थान कॉन्ट्रक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट्स रूल्य 2022 नियम 3 के आलोक में देखा जाएं। यदि नियुक्ति सार्वजनिक विज्ञावपन से हुई है तो यह नहीं देखा जाएगा कि नियुक्ति एजेंसी से हुई या सरकार से प्रत्यक्ष तौर पर। ऐसे सभी पात्र कर्मचारियों को नियम 2022 का लाभ दिया जाएं। होईकोर्ट के इस ओदश से प्रदेशभर के हजारों संविदाकर्मियों को राहत मिलेगी।

प्रदेश में 62 हजार से अधिक पद रिक्त-

चार साल पहले राज्य सरकार ने राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 लागू करके 1,22,527 पद सृजित किए थे, लेकिन अब तक करीब 60 हजार पदों पर ही नियुक्तियां दी गई हैं। सृजित पदों में से अभी भी संविदा कर्मचारियों के लिए करीब 62 हजार पद खाली पड़े हैं।

केवल 7 विभागों में ही भर्ती -

हैरानी की बात यह है कि राज्य के सभी विभागों में संविदा कार्मिक कार्यरत हैं, लेकिन अब तक सिर्फ सात विभागों ने ही नियमों के तहत भर्ती प्रक्रिया अपनाई है। संविदा कार्मिक नियमों के तहत नियुक्ति को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इनका कहना है कि वे कई वर्षों से सरकारी योजनाओं का संचालन कर रहे हैं, फिर भी उनको नियमों के तहत नहीं लिया जा रहा। नियमावली बनने के बाद भी अधिकारियों की उदासीनता का खामियाज उन्हें भुगतना पड़ा रहा। एसओपी पर सख्ती नहीं- नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर वित्त विभाग ने 25 अक्टूबर 2024 को दिशा निर्देश(एसओपी) जारी किए थे, लेकिन इसे सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा। समीक्षा के नाम पर भी खानापूर्ति की जा रही है। राज्य सरकार के 7 विभागों में ही अब तक संविदा कार्मिकों को नियुक्तियां मिली हैं। नियुक्तियां देने में चिकित्सा और शिक्षा विभाग सबसे आगे हैं। इसके अलावा ग्रामीण विकास, सामान्य प्रशासन, तकनीकी शिक्षा सहित अन्य विभाग शामिल हैं।

जिले में इतने कर्मचारी-

झालावाड़ जिले में सबसे ज्यादा कर्मचारी मेडिकल कॉलेज व थर्मल प्लाट में कार्यरत है। जिसमें मेडिकल कॉलेज में करीब 1400, थर्मल में 800, कॉलेज शिक्षा 150, मिनी सचिवालय 250, नगर परिषद व नगर पालिकाएं 100,जिला परिषद 20,बिजली विभाग 650,आईटीआई 65, समाज कल्याण व बाल अधिकारिता 150, जलदाय विभाग, चिकित्सा,शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों के मिलाकर करीब 2 हजार से अधिक कर्मचारी होंगे ऐसे में जिलेभर में करीब 5-6 हजार संविदा व प्लेसमेंट कर्मचारी कार्यरत है।

नियमों में हो संशोधन

01.ऐसे संविदा कार्मिक जो वर्षों से राज्य सरकार से सीधे वेतन ले रहे हैं। उन सभी को पात्र मानते हुए सरकार नियमितिकरण करें। इसके लिए नियमों में संशोधन किया जाए, समान काम समान वेतन मिलना चाहिए।

दीपक गौतम, संविदा कार्मिक, झालावाड़।

02.प्लेसमेंट कर्मचारी अपने हक के लिए आवाज उठाता है तो उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है।जबकि वो सरकारी कर्मचारी के बराबर ही काम करता है। राज्य सरकार ने राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 लागू करके 1,22,527 पद सृजित किए थे, उनको जल्द भरना चाहिए।

कैलाश मेहरा, प्लेसमेंट कर्मचारी संघ अध्यक्ष, झालावाड़।

03. अन्य राज्यों में संविदा व प्लेसमेंट कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन 17500 रुपए है, तो राजस्थान में भी इसे लागू किया जाना चाहिए, ताकि लंबे समय से सरकारी दफ्तरों में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को इसका लाभ मिले।

सुरेन्द्र गोयल, संविदा कर्मचारी, झालावाड़।

04. मंहगाई के दौर में इतने कम वेतन में घर चलाना मुश्किल होता है। जनप्रतिनिधियों की तनख्वाह बढ़ सकती है, तो संविदा व प्लेसमेंट कर्मचारियों की क्यों नहीं।

कमलेश गौतम, प्लेसमेंट कर्मचारी, झालावाड़।