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राजस्थान: बाजरे में डेढ़ सौ और मूंग में 86 रुपए अधिक मिलेंगे, किसान नाखुश, MSP में बढ़ाने चाहिए थे 500 रुपए प्रति क्विंटल

सरकार ने प्रदेश में बाजरा, मूंग और मूंगफली की खरीद समर्थन मूल्य पर करने की घोषणा की है। प्रदेश के क्रय-विक्रय सहकारी समितियों व ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होगी।

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फोटो पत्रिका

झुंझुनूं। सरकार ने प्रदेश में बाजरा, मूंग और मूंगफली की खरीद समर्थन मूल्य पर करने की घोषणा की है। प्रदेश के क्रय-विक्रय सहकारी समितियों व ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होगी। सरकार ने इस बार मूंग का समर्थन मूल्य 8,768 रुपए प्रति क्विंटल, मूंगफली का 7,263 रुपए प्रति क्विंटल और बाजरे का 2,775 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। हालांकि सरकार ने पिछली बार की तुलना में मूंग में 86 रुपए, बाजरे में केवल डेढ़ रुपए की ही वृद्धि की गई है।

मूंगफली में 480 रुपए की बढ़ोतरी की गई। जबकि झुंझुनूं जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश बाजारा उत्पादन में पहले नंबर व मूंग के उत्पादन में दूसरे नंबर पर आता है। जबकि मूंगफली का उत्पादन बेहद सीमित है। ऐसे में बाजरा व मूंग के समर्थन मूल्य में सबसे कम बढ़ोतरी किए जाने पर किसानों में नाराजगी है।

बाजरे और मूंग की एमएसपी में की गई नाममात्र वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई है। किसानों का तर्क है कि उत्पादन के लिहाज से बाजरा पहले, मूंग दूसरे, ग्वार तीसरे, चंवला चौथे और कपास पांचवें स्थान पर आते हैं। जबकि मूंगफली की बुवाई नाममात्र होती है। ऐसे में बाजरा और मूंग के समर्थन मूल्य में पर्याप्त वृद्धि की जानी चाहिए थी, ताकि किसानों को वास्तविक राहत मिल सके।

बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें: बाजरे में डेढ़ सौ व मूंग में 86 रुपए अधिक मिलेंगे

पिछली बार की तुलना में मूंग के दाम में मात्र 86 रुपए, बाजरे में 150 रुपए और मूंगफली में 480 रुपए बढ़े हुए किसानों को मिलेंगे। लेकिन एएसपी पर खरीद में नियमों की पेचिदगियों की वजह से उल्टे पांव लौटना पड़ेगा। क्योंकि बरसात के कारण मूंग की फसल में दाग लगने से समर्थन मूल्य पर खरीद में कई बार गुणवत्ता संबंधी अड़चनें भी आ सकती हैं। किसान आशंका जता रहे हैं कि दागदार अनाज मापदंडों पर खरा नहीं उतरेगा और सहकारी समितियां इसे खरीदने से मना कर सकती हैं। ऐसे में किसानों की उम्मीदें बाजार भाव पर टिकी रहेंगी।

झुंझुनूं: जिले में 20 समितियों पर होगी खरीद

जिले में 20 सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर मूंग, मूंगफली व बाजरे की खरीद शुरू होगी। इनमें जिले की सात क्रय-विक्रय सहकारी समिति व अन्य ग्राम सेवा सहकारी समिति होंगी। जहां पर अनाज खरीदा जाएगा।

क्या बोले किसान…

प्रदेश में सबसे ज्यादा उत्पादन बाजरा व मूंग को होता है। एमएसपी पर बाजरा, मूंग व मूंगफली की खरीद की घोषणा की गई है। लेकिन बाजरे में डेढ़ सौ व मूंग में महज 86 रुपए की बढ़ोतरी की गई। किसानों की लागत और मेहनत के अनुसार बाजरा व मूंग की एमएसपी में पांच रुपए प्रति क्विंटल तो बढ़ाने चाहिए थे ताकि किसानों को संबल मिल सके।

मनीराम तेतरवाल, किसान

इस बार अतिवृष्टि ने किसानों की फसल को चौपट कर दिया। उत्पादन भी कम हुआ है। रही कसर सरकार ने पूरी कर दी है। सबसे ज्यादा उत्पादन बाजरे और मूंग का होता है। लेकिन दोनों में महज 86 और डेढ़ सौ रुपए की बढ़ोतरी कर किसानों के जख्मों पर नमक डालने का काम किया है। मूंगफली में जितनी बढ़ोतरी की गई है, उतनी तो बढ़ोतरी करनी ही चाहिए थी।

रिदू महला, किसान

इनका कहना है…
एमएसपी पर मूंग, मूंगफली व बाजरे की खरीद की जाएगी। पिछली बार की बजाए बाजरे में डेढ़ सौ, मूंग में 86 और मूंगफली में 480 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाए गए हैं। झुंझुनूं जिले में नोडल एजेंसी क्रय-विक्रय सहकारी समितियों समेत 20 स्थानों पर एमएसपी पर खरीद होगी।

अशोक पूनियां, नोडल अधिकारी सहकारी समितियां झुंझुनूं


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