
जोधपुर एम्स में चमत्कार (फोटो- पत्रिका)
जोधपुर: बाड़मेर जिले के सरणु गांव में 17 सितंबर को पूर्व एनएसजी कमांडो चंपालाल और उसके साथियों के हमले में शराब कारोबारी की हत्या के बाद उसके साथी हरलाल के दोनों हाथ काट दिए गए थे। हरलाल गंभीर घायल हो गया था। उसका दायां हाथ पूरी तरह अलग हो गया, जबकि बाएं हाथ की कई हड्डियां टूट गई थी।
उसे अगले दिन बाड़मेर से एम्स जोधपुर रेफर किया गया। एम्स के डॉक्टरों ने सर्जरी शुरू की, जो 12 घंटे तक चली। दस दिन बाद अब हरलाल की अंगुलियों में मूवमेंट शुरू हो गया। हलचल देख डॉक्टर और अस्पतालकर्मी खुश दिखे। डॉक्टरों का कहना है कि अगले 3 से 4 सप्ताह में हरलाल का हाथ सामान्य रूप से काम करने लग जाएगा। यानी दिवाली पर हरलाल अपने हाथों से दीयों से घर का रोशन कर सकेगा।
सरणु गांव में 17 सितंबर की रात आपसी रंजिश में एसयूवी में सवार होकर आए पूर्व एनएसजी कमांडो चंपालाल और उसके साथियों ने शराब की दुकान के पास तीन लोगों पर धारदार हथियारों से हमला कर 22 साल के खेताराम की हत्या कर दी थी। जबकि हरलाल गंभीर रूप से घायल हो गया था। खेताराम शराब दुकान संचालक था, जबकि गंभीर घायल हरलाल सेल्समैन है।
एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. जीडी पुरी का कहना है कि संस्थान में उपलब्ध माइक्रोसर्जरी तकनीक, प्रशिक्षित विशेषज्ञ और अत्याधुनिक सुविधाएं ऐसी जटिल सर्जरी को संभव बनाती हैं। समय पर सही चिकित्सा सहायता किसी की जिंदगी को पूरी तरह बदल सकती है।
डॉ. प्रकाश काला के नेतृत्व में ट्रॉमा सर्जरी विभाग से डॉ. महावीर सिंह रोढ़ा, प्लास्टिक सर्जरी विभाग से डॉ. दीप्ति कटरौलिया, डॉ. हर्षवर्धन, डॉ. संजना, डॉ. प्रवीण, डॉ. उत्कर्ष, डॉ. शीनम और डॉ. कार्तिकेयन, ऑर्थोपेडिक्स विभाग से डॉ. राजेश, डॉ. आमिर और डॉ. रीतिश, निश्चेतना विभाग से डॉ. मनबीर, डॉ. नम्रता और डॉ. सोनल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ से तारा चंद और राधा का भी सराहनीय योगदान रहा।
एम्स के प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रकाश चंद्र काला के नेतृत्व में प्लास्टिक सर्जरी, ट्रॉमा सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स और निश्चेतना विभागों की संयुक्त टीम ने मोर्चा संभाला था। लगभग 12 घंटे तक चली इस सर्जरी में माइक्रोस्कोप की मदद से खून की महीन नसों को जोड़ा गया।
हड्डियों को स्थिर किया गया और टेंडन को पुनर्स्थापित किया गया। सर्जरी के दसवें दिन 27 सितम्बर को हरलाल की स्थिति पूरी तरह स्थिर हो गई। उसके दाएं हाथ की उंगलियों में रक्त संचार सामान्य हो गया है और फिजियोथैरेपी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
Published on:
01 Oct 2025 02:56 pm
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