
आरपीएस भूराराम खिलेरी। फाइल फोटो- पत्रिका
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर जिले के भोपालगढ़ के वृताधिकारी (डीएसपी) आरपीएस भूराराम खिलेरी को पदस्थापन आदेश की प्रतीक्षा में रखने (एपीओ) तथा रिलीव करने के आदेश के प्रभाव व क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने भाजपा के भोपालगढ़ महामंत्री से कथित मारपीट और गिरफ्तारी का मामला सामने आने के बाद खिलेरी को एपीओ कर दिया था।
न्यायाधीश मुन्नुरी लक्ष्मण की एकल पीठ में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि याची को 21 अक्टूबर 2025 को बिना किसी वैध कारण के एपीओ कर दिया गया था। वहीं राजस्थान सिविल सेवा नियम, 1951 के नियम 25-ए में स्पष्ट परिस्थितियां निर्धारित हैं, जिनमें एपीओ आदेश जारी किया जा सकता है, लेकिन एपीओ आदेश में उनमे से कोई भी आधार उल्लेखित नहीं है।
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कोर्ट ने आदेश का अवलोकन करने के बाद कहा कि इसमें केवल प्रशासनिक कारणों का जिक्र है, जबकि नियमों के अनुसार विशिष्ट आधार होना जरूरी है। पीठ ने एपीओ तथा रिलीविंग आदेश के प्रभाव और क्रियान्वयन पर अंतरिम स्थगन आदेश जारी किया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह स्थगन आदेश संबंधित अधिकारियों को याचिकाकर्ता को किसी अन्य पद पर नियमित रूप से पदस्थापित करने में बाधा नहीं बनेगा।
Published on:
30 Oct 2025 02:22 pm
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