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Motivational Story: बिना हाथों के हौसलों से जीते जिंदगी, जानिए कौन हैं जोधपुर के रमेश बिश्नोई, जिन्हें सिद्धू ने किया सैल्यूट

बचपन से ही पढ़ने का शौक रखने वाले रमेश ने जब देखा कि उनके पास हाथ नहीं हैं, तो उन्होंने पैरों को ही अपना सहारा बना लिया। उन्होंने पैरों से लिखना सीखा, संघर्ष किया और धीरे-धीरे लेखन में निपुणता हासिल की।

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Ramesh Bishnoi

रमेश बिश्नोई। फाइल फोटो- पत्रिका नेटवर्क

जोधपुर। कहते हैं कि जिसके इरादे बुलंद हों, उसके आगे किस्मत भी सिर झुका देती है। राजस्थान के जोधपुर जिले के फलोदी क्षेत्र के नोखड़ा गांव के रहने वाले रमेश बिश्नोई इस बात का जीता-जागता सबूत हैं। जन्म से ही दोनों हाथ न होने के बावजूद रमेश ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाया और आज वे लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।

पैरों से लिखी सफलता की कहानी

रमेश को बचपन से ही पढ़ने का बहुत शौक था, लेकिन उनके पास दोनों हाथ नहीं थे। फिर भी रमेश ने हिम्मत नहीं हारी उन्होंने पैरों को ही अपना सहारा बना लिया। उन्होंने पैरों से लिखना सीखा और संघर्ष किया। इसके दम पर उन्होंने 2013 में 10वीं की परीक्षा 66 प्रतिशत अंकों से पास की और 2015 में 12वीं में 72 प्रतिशत अंक हासिल किए। इसके बाद उन्होंने जयनारायण व्यास विवि, जोधपुर से बीए की पढ़ाई पूरी की।

पैरों से कार और कंप्यूटर चलाते हैं रमेश

रमेश आज आत्मनिर्भर जीवन जी रहे हैं। वे अपने पैरों से लिखते हैं, मोबाइल और कंप्यूटर चलाते हैं, खाना बनाते हैं और यहां तक कि कार भी चलाते हैं। हाल ही में उनका पांव से कार चलाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसे देखकर लोग दंग रह गए।

सोशल मीडिया पर स्टार

रमेश बिश्नोई की लोकप्रियता सोशल मीडिया पर जबरदस्त है। सोशल मीडिया पर 30 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। उनके रील्स में वे अपनी दिनचर्या दिखाते हैं कि कैसे वे बिना हाथों के जीवन को सहजता से जीते हैं। उनके वीडियो लाखों व्यूज पाते हैं और लोगों को यह संदेश देते हैं कि ‘जिंदगी कभी भी रुकनी नहीं चाहिए।’

इंडियाज गॉट टैलेंट पर छाए रमेश

रमेश हाल ही में इंडियाज गॉट टैलेंट के मंच पर पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी प्रेरणादायक कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे समाज के तानों के बावजूद उनके माता-पिता ने उन्हें कभी हताश नहीं होने दिया। इस दौरान उन्होंने अपनी एक और प्रतिभा का प्रदर्शन किया। रमेश ने पांव से गेंद फेंकते हुए पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को क्लीन बोल्ड कर दिया। सिद्धू उनकी इस प्रतिभा को देखकर हैरान रह गए और मंच से उन्हें सैल्यूट किया।

युवाओं के लिए संदेश - लड़ो, हारो मत

रमेश ने शो में कहा था कि आज कई युवा छोटी-छोटी बातों पर सुसाइड कर लेते हैं। मेरा कहना है कि जिंदगी में कभी हार मत मानो। भगवान ने तुम्हें सब कुछ दिया है, इसलिए हर हाल में लड़ना सीखो। रमेश विश्नोई की कहानी सिर्फ संघर्ष की नहीं, बल्कि उस जज्बे की मिसाल है जो हर मुश्किल को चुनौती मानता है।