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एमपी में इंडस्ट्री से सीधे कनेक्ट हुए ये संस्थान, रिकार्ड 1 लाख युवाओं ने लिया एडमिशन

ITI- एमपी में आईटीआई में सबसे ज्यादा प्रवेश हुए, विभागीय समीक्षा में सामने आए तथ्य

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record 1 lakh youth took admission in ITI in MP

सीएम मोहन यादव ने तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा की

ITI- मध्यप्रदेश में औद्योगिकीकरण तेजी से बढ़ रहा है। इसी के साथ स्किल्ड युवाओं की मांग भी बढ़ रही है। ऐसे में प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में रिकार्ड एडमिशन हो रहे हैं। खजुराहो में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग की समीक्षा में यह तथ्य सामने आया। विभागीय प्रमुख मनीष सिंह ने दो सालों की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि कौशल आधारित प्रशिक्षणों में खासा विस्तार हुआ है। प्रदेशभर में आईटीआई में करीब 1 लाख युवाओं ने एडमिशन लिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐसी संस्थागत व्यवस्था विकसित करने को कहा जो युवाओं को प्रशिक्षण के साथ ही प्लेसमेंट भी सुनिश्चित कराए। उन्होंने कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के ट्रेड्स जैसे कृषि यंत्र मरम्मत, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी तथा मत्स्य पालन को भी आईटीआई में प्रारंभ करने को कहा।

तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंडस्ट्री की मांग के अनुरूप आधुनिक ट्रेड्स में युवाओं को प्रशिक्षण देने की बात दोहराई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि युवाओं को उन्हीं ट्रेड्स में प्रशिक्षण दिया जाए, जिनकी इंडस्ट्री में मांग है। प्रशिक्षण के दौरान मिलने वाला मानदेय सीधे उनके बैंक खातों में पारदर्शी तरीके से पहुंचाने के भी निर्देश दिए।

समीक्षा बैठक में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार प्रमुख मनीष सिंह ने दो सालों की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने बताया कि आईटीआई में अब तक का सर्वाधिक प्रवेश दर्ज हुआ है। सरकारी आईटीआई में 94.55 प्रतिशत (49402) और प्राइवेट आईटीआई में 74.65 प्रतिशत (45559) युवाओं ने प्रवेश लिया है। इस प्रकार प्रदेश के करीब 1 लाख युवा आईटीआई में प्रशिक्षित हो रहे हैं।

प्रदेश के 10 प्रशिक्षणार्थी राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित हुए। विश्व कौशल प्रतियोगिता 2024 में राष्ट्रीय स्तर पर 1 गोल्ड, 2 सिल्वर, 4 ब्रॉन्ज और 11 मेडेलियन ऑफ एक्सीलेंस तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर (फ्रांस) पर 1 मेडेलियन ऑफ एक्सीलेंस प्राप्त हुआ। तीन प्रशिक्षण अधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिला। साथ ही 113 प्रशिक्षणार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय रोजगार के अवसर प्राप्त हुए। राष्ट्रीय ग्रेडिंग में प्रदेश 5वें स्थान पर रहा और 47 आईटीआई को 9+ स्कोर मिला।

फ्यूचर स्किल कोर्स में 2233 प्रशिक्षणार्थी

मनीष सिंह के मुताबिक कौशल आधारित प्रशिक्षणों में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है। फ्यूचर स्किल कोर्स में 2233 प्रशिक्षणार्थी के साथ 87 प्रतिशत प्रवेश हुए। "संकल्प" के अंतर्गत 2340 प्रशिक्षु प्रशिक्षित हुए, 5G टेक्नोलॉजी में 400 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। IIT जोधपुर द्वारा 612 विद्यार्थियों को साइबर सिक्योरिटी प्रशिक्षण, "यू.एन वीमेन" के सहयोग से 2127 बालिकाओं को एसटीईएम एवं सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण और 220 बालिकाओं को प्लेसमेंट मिला। UNFPA द्वारा “जीवन तरंग” में प्रति वर्ष 18,000 युवाओं को जीवन कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

CSR सहयोग के अंतर्गत उद्योगों द्वारा आधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है। मारुति सुजुकी द्वारा भोपाल व जबलपुर में 5 करोड़ की लागत की लैब, 9 आईटीआई में एआई डेटा लैब, एनटीपीसी द्वारा आईटीआई बड़वाह, सीमेन्स द्वारा उज्जैन में 60 लाख रूपए की मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी लैब और जेकर फाउंडेशन व श्री-श्री ट्रस्ट द्वारा विभिन्न आईटीआई में लैब स्थापित की गई हैं।

मुख्यमंत्री सीखो–कमाओ योजना में 27257 अभ्यर्थी संलग्न हुईं, 17783 प्रशिक्षण पूर्ण और 5314 महिलाएं लाभान्वित हुईं। NAPS में 55311 अभ्यर्थी संलग्न, 29866 प्रशिक्षण पूर्ण हुआ। पीएम विश्वकर्मा में 4577 प्रशिक्षित हुए।

पीएमकेवीवाय 4.0 के अंतर्गत 40 आईटीआई में जनवरी 2026 से प्रशिक्षण प्रारंभ करने की तैयारी है। युवा संगम के माध्यम से प्रत्येक जिले में रोजगार और स्वरोजगार अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। PM SETU के अंतर्गत मध्यप्रदेश में 10 हब + 40 स्पोक आईटीआई के लिए 240 करोड़ रूपए स्वीकृत हुए। मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत 3282 कर्मचारियों द्वारा 42030 कोर्स पूर्ण हुए। ग्लोबल स्किल पार्क भोपाल में 2 हजार से अधिक प्रशिक्षित और 29 युवाओं को अंतरराष्ट्रीय नियुक्तियां मिली हैं।

“SRIJAN” में 34 प्रोजेक्ट स्टार्टअप के रूप में विकसित

तकनीकी शिक्षा विभाग की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया गया कि डिप्लोमा पाठ्यक्रम को 12वीं के समकक्ष मान्यता मिलने से प्रवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 21.38 प्रतिशत प्रवेश वृद्धि दर्ज की गई। आरजीपीवी भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय परिसर की स्थापना जारी है। मुख्यमंत्री मेधावी छात्र योजना में सत्र 2024–25 में 78,218 से अधिक विद्यार्थियों को 750 करोड़ रुपए वितरित किए गए। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 में 5500 युवाओं को प्रशिक्षण और 70 प्रतिशत प्लेसमेंट सफलता रही। एमएसएमई की आरएएमपी स्कीम में 9 इनक्यूबेशन सेंटर चयनित हुए और “SRIJAN” में 34 प्रोजेक्ट स्टार्टअप के रूप में विकसित हुए।

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