
फोटो- एआई जनरेटेड
लाड़ली बहना : चालू माह में आधार-समग्र में अटकी 600 महिलाएं, अब तक 4,027 महिलाएं पात्रता की लिस्ट से बाहर
चालू माह में लाड़ली बहना योजना 5 हजार 781 महिलाएं अपात्र घोषित हो गईं। इसमें चार हजार महिलाएं 60 साल की आयु पूरी कर चुकी हैं। योजना से बाहर होने वाली कई बहनों ने आयु सीमा बढ़ाने की मांग की है। 500 से अधिक बहनों ने स्वेच्छा से लाभ परित्याग कर दिया है। अब तक 472 लाभार्थियों की मृत्यु होने से वे भी योजना से बाहर हो चुकी हैं। कुछ बहनों ने कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में आवेदन देकर खातों में राशि न आने की शिकायत की है।
जिले में लाड़ली बहना योजना के तहत 2.22 लाख बहनों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें से 2.17 लाख को नियमित लाभ मिल रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने नवंबर माह में शासन को रिपोर्ट भेजी है। जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु पूरी करने पर लगभग 4 हजार महिलाएं योजना से अपात्र हो गईं। समग्र और आधार का लिंक नहीं होने और समग्र डिलीट होने से 600 से अधिक महिलाओं के खाते में प्रोत्साहन राशि नहीं आ रही है।
खंडवा की सुलोचना कहती हैं कि ढाई साल से योजना का लाभ मिल रहा है। अक्टूबर में 60 वर्ष आयु हो गई। नवंबर माह में खाते में राशि नहीं है। योजना में अपात्र हो गईं। उनका कहना है कि आयु सीमा 70 साल किया जाए। बुढ़ापे में खर्च की जरूरत पड़ती है। इधर, नए आवेदन के लिए हजारों की संख्या में महिलाएं इंतजार कर रहीं हैं। गणेश तलाई की सुषमा नगर निगम कार्यालय पहुंची। कर्मचारियों से पूछा कि लाडली बहना योजना में नया रजिस्ट्रेशन कब शुरू होगा। कर्मचारियों ने जवाब दिया कि पता नहीं है। शुरू होने पर सूचना मिलेगी। पंचायत से लेकर नगरीय निकायों में प्रतिदिन महिलाएं पूछने के लिए पहुंच रही हैं।
2,23,008—लाड़ली बहनें
2,17,212-हर माह लाभ मिल रहा
472 - मृत होने से लाभ बंद हो गया।
4,027 -आयु 60 वर्ष से अधिक होने पर अपात्र ।
533 -लाभ परित्याग कर दिया।
303 -समग्र डिलीट होने से अपात्र ।
305 -आधार समग्र से लिंक नहीं होने से अपात्र ।
106—अपात्र महिलाएं।
इनका कहना : रत्ना सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी... जिले में 21 लाख से अधिक बहनों को योजना का लाभ मिल रहा है। गाइड लाइन के तहत पोर्टल पर पात्रता अपडेट होती रहती है। जिन महिलाओं की उम्र 60 साल हो गई हैं। पोर्टल ने उन्हें आटोमैटिक अपात्रता की श्रेणी में डाल दिया है। इसके अलावा मृतक समेत अन्य अपात्रों को मिलाकर पांच हजार से अधिक महिलाएं अपात्रता की श्रेणी में आ गई हैं।
Published on:
30 Nov 2025 11:46 am
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