
khargone teachers salary cut case (फोटो-social media)
Teachers Salary Cut: जनजातीय कार्य विभाग के तहत खरगोन जिले के झिरन्या विकासखंड के अफसरों की हठधर्मिता और मनमानी के चलते सार्थक उपस्थिति के नाम गलत ढंग से काटे गए वेतन के मामले को लेकर शिक्षकों ने अब हाई कोर्ट इंदौर (MP High Court) में याचिका दायर की है।
जानकारी के मुताबिक, सितंबर 2022 में प्रदेश के एकमात्र विकासखंड झिरन्या जहां न तो प्रदेश शासन के कोई आदेश थे और नहीं जिला प्रशासन के कोई आदेश थे सिर्फ मौखिक आदेश के तहत सार्थक उपस्थिति के नाम पर यहां के तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी व लेखपाल ने 120 से अधिक शिक्षकों की ब्रेक इन सर्विस कर उनका वेतन काटा था।
राज्य शिक्षक संघ द्वारा इन शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर सैकड़ों बार जिला प्रशासन एवं मप्र शासन को पत्र व्यवहार किया, लेकिन सार्थक उपस्थित के नाम काटे गए वेतन भुगतान के सार्थक परिणाम नहीं आए। अंततः ब्लॉक के शिक्षकों ने अपना हक एवं अधिकार का वेतन पाने के लिए हाई कोर्ट इंदौर में याचिका दायर कर दी है। राज्य शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने कहा- इनमें से सभी शिक्षक नियमित और समय पर स्कूल पहुंचे थे सिर्फ मोबाइल के अभाव में या शैडो एरिया के चलते इनकी उपस्थितियां नहीं लग पाई थी।
राज्य शिक्षक संघ के सदस्यों ने बतया हमारी मांग पर यहां के तात्कालिक सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य ने जांच समिति गठित की। समिति ने भी माना था कि 116 शिक्षकों का वेतन गलत ढंग से काटा है, इनका वेतन भुगतान होना चाहिए, लेकिन विडंबना है कि आज तक वेतन नहीं दिया है।
राज्य शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश यादव ने कटाक्ष किया है कि पूरे प्रदेश में एक मात्र झिरन्या ब्लॉक में जंगल राज का माहौल है। यहां के अधिकारी एवं बाबू अपनी मनमानी और हट धर्मिता करते हैं। प्रदेश के किसी भी ब्लॉक में इस प्रकार शिक्षकों का ना तो वेतन काटा है नहीं इनकी सर्विस ब्रेक की गई है।
Published on:
13 Nov 2025 12:04 pm
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