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ISRO के रिटायर्ड वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कब खुल सकते हैं आम लोगों के लिए अंतरिक्ष यात्रा के द्वार, प्रदर्शनी देखने पहुंचे कोटा

Vikram Sarabhai Space Exhibition In Kota: इसरो के सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस.पी. व्यास ने कोटा में आयोजित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष प्रदर्शनी में हिस्सा लिया और पत्रिका से खास बातचीत भी की।

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Retired-senior-ISRO-scientist-Dr.-S.P.-Vyas

फोटो: पत्रिका

Retired Senior ISRO Scientist Dr. S.P. Vyas Interview: इसरो के सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस.पी. व्यास ने बताया कि गगनयान मिशन 2028 में भेजने की योजना है। जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में भेजा जाएगा। इसकी सफलता के बाद अंतरिक्ष उड़ानें आम लोगों के लिए भी खोली जा सकती है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद ओर से आरटीयू में आयोजित अंतरिक्ष प्रदर्शनी में भाग लेने कोटा आए डॉ. व्यास ने पत्रिका से खास बातचीत में कहा कि चंद्रयान-2 पूरी तरह असफल मिशन नहीं था, बल्कि यह लगभग 90% सफल रहा।

इसका लैंडर और प्रज्ञान रोवर अवतरण के दौरान गिर गए थे, लेकिन मिशन का ऑर्बिटर आज भी कार्य कर रहा है और महत्वपूर्ण डेटा भेज है। इसके बाद भारत ने केवल दो वर्षों में चंद्रयान-3 के माध्यम से सफल सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। डॉ. व्यास पिछले वर्ष ही इसरो से सेवानिवृत्त हुए है।

चंद्रयान-4 लाएगा चंद्रमा की मिट्टी

उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में भारत कई ऐतिहासिक मिशन पूरे करने जा रहा है। है। चंद्रयान-4 चंद्रमा की मिट्टी (लूनर सैंपल) लेकर आएगा। चंद्रयान-5 मानव भेजने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयोगात्मक मिशन होगा।

इसरो का 10 साल का बजट नासा के एक वर्ष जितना

एक सवाल के जवाब में डॉ. व्यास बताया कि इसरो के 10 साल का बजट, नासा के एक वर्ष के बजट बराबर है, इसके बावजूद भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की क्षमता, कौशल और प्रतिबद्धता ने इसरो को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाई है। साइंटिस्ट और इंजीनियरों की क्षमता निर्माण (कैपेसिटी बिल्डिंग) इसरो को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

विद्यार्थियों ने चंद्रयान-मंगलयान मिशन के बारे में जाना

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर, अहमदाबाद की ओर से राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर में तीन दिवसीय 'विक्रम साराभाई अंतरिक्ष प्रदर्शनी' का सोमवार को उद्घाटन हुआ। इस प्रदर्शनी में अब तक 60 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के 6000 विद्यार्थियों ने अपना पंजीकरण करवाया है।

प्रदर्शनी में इसरो स्पेस साइंस बस के माध्यम से चंद्रयान, मंगलयान, रडार प्रणाली, लॉन्चपैड के मॉडल, रॉकेट प्रक्षेपण प्रदर्शन, शैक्षिक अंतरिक्ष वृत्तचित्रों के लिए दो फिल्म-स्क्रीनिंग कक्ष तथा चार प्रदर्शनी हॉलों में उपग्रह, रॉकेट, रोवर और इसरो के विभिन्न मिशनों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गई है। सोमवार को पहले दिन शहर विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों व आमजन ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।