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OpenAI और Google छोड़ बनाया अपना खुद का AI, इस तरह अरविंद श्रीनिवास बने सबसे कम उम्र के भारतीय बिलेनियर

OpenAI और Google छोड़कर अपना AI स्टार्टअप Perplexity AI शुरू करने वाले Aravind Srinivas अब भारत के सबसे कम उम्र के अरबपति बन गए हैं, पढ़ें उमके इस सफर की कहानी।

2 min read

भारत

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Rahul Yadav

Oct 02, 2025

Aravind Srinivas Billionaire

Aravind Srinivas India’s Youngest Billionaire (Image: Instagram/Aravind Srinivas)

Aravind Srinivas Billionaire: अक्सर कहा जाता है कि बड़ा मुकाम उन्हीं को मिलता है जो जोखिम उठाने का साहस रखते हैं। चेन्नई के अरविंद श्रीनिवास ने यही करके दिखाया है। गूगल और OpenAI जैसी दुनिया की दिग्गज कंपनियों की नौकरी छोड़कर उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू किया और महज तीन साल में ऐसा कमाल कर दिखाया कि आज वे भारत के सबसे युवा अरबपति बन चुके हैं। M3M Hurun इंडिया रिच लिस्ट 2025 में उनका नाम 21,190 करोड़ रुपये की नेटवर्थ के साथ शामिल हो चुका है।

अरबपति बनने की शुरुआत

अरविंद ने 2022 में दो साथियों डेनिस यारात्स और एंडी कोनविंस्की, के साथ मिलकर Perplexity AI की नींव रखी थी। यह एक ऐसा चैटबॉट है जो लोगों के सवालों के सीधे और भरोसेमंद जवाब देता है। काम करने का तरीका सर्च इंजन जैसा है लेकिन अनुभव उससे कहीं बेहतर मिलता है। कुछ ही समय में यह प्लेटफॉर्म पॉपुलर हो गया और आज इसके करीब 2.2 करोड़ यूजर्स हैं। इसकी सफलता ने अरविंद की नेटवर्थ को सीधे 21,190 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है।

पढ़ाई और शुरुआती सफर

7 जून 1994 को चेन्नई में जन्मे अरविंद बचपन से ही साइंस और टेक्नोलॉजी की दुनिया में डूबे रहते थे। उन्होंने आईआईटी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर अमेरिका जाकर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी पूरी की। रिसर्च के दिनों में ही उन्होंने रीइन्फोर्समेंट लर्निंग और विजन ट्रांसफॉर्मर मॉडल्स जैसे विषयों पर गहराई से काम किया।

बड़ी टेक कंपनियों का अनुभव

अरविंद का सफर सिर्फ किताबों और रिसर्च तक सीमित नहीं रहा है। उन्होंने दुनिया की टॉप टेक कंपनियों में भी काम किया। 2018 में वे OpenAI से जुड़े और एआई प्रोजेक्ट्स पर काम किया। इसके बाद DeepMind और Google में रिसर्च किया और विजन ट्रांसफॉर्मर मॉडल्स पर महत्वपूर्ण योगदान दिया। 2021 में वे दोबारा OpenAI में रिसर्च साइंटिस्ट बने। उनकी रिसर्च को अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसों में सराहा गया और कई पेपर्स ICLR, AAAI और NeurIPS जैसे मंचों पर प्रकाशित हुए।

भारत में बढ़ते युवा अरबपति

अरविंद श्रीनिवास की सफलता भारत में तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम की झलक दिखाती है। Hurun Report के मुताबिक, देश में अरबपतियों की संख्या अब बढ़कर 358 हो चुकी है। वहीं, करीब 1,687 लोग ऐसे हैं जिनकी कुल संपत्ति 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इस सूची में जेप्टो के युवा को-फाउंडर कैवल्य वोहरा (22) और आदित पालीचा (23) जैसे नए नाम भी शामिल हैं जो साबित करते हैं कि अब सफलता की परिभाषा उम्र से नहीं बल्कि आइडिया और हिम्मत से तय होती है।