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कहीं नकली ना निकल जाए ग्रीन पटाखा! QR कोड स्कैन करके जानें असली है या नकली

Green Patake QR Code: दिवाली पर ग्रीन पटाखे खरीदते समय सावधान रहें! पैकेट पर लगे CSIR-NEERI लोगो और QR कोड स्कैन करके जानें पटाखा असली है या नकली, वरना हो सकती है कार्रवाई।

2 min read

भारत

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Rahul Yadav

Oct 16, 2025

Green Patake QR Code

Green Patake QR Code (Image: Freepik)

Green Patake QR Code: दिवाली नजदीक है और बाजारों में पटाखों की बिक्री जोरों पर है। लेकिन इस बार सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों (Green Crackers) के इस्तेमाल पर खास जोर दिया है। ये पटाखे सामान्य पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं और पर्यावरण के लिए बेहतर माने जाते हैं। दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ ग्रीन पटाखे बेचने और फोड़ने की अनुमति दी गई है। लेकिन सवाल यह है असली ग्रीन पटाखे कैसे पहचानें और अगर गलती से नॉन-ग्रीन पटाखा खरीद या फोड़ लिया तो क्या हो सकता है? आइए जानते हैं पूरी जानकारी।

ग्रीन पटाखे क्या हैं और क्यों हैं जरूरी?

ग्रीन पटाखे ऐसे पटाखे हैं जो सामान्य पटाखों की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत कम प्रदूषण फैलाते हैं। इनमें बैरियम नाइट्रेट जैसे जहरीले केमिकल बहुत कम मात्रा में होते हैं या बिल्कुल नहीं होते। ये पटाखे CSIR-NEERI (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) द्वारा विकसित किए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें मंजूरी दी है ताकि लोग त्योहार का आनंद भी ले सकें और हवा भी साफ बनी रहे। दिल्ली, नोएडा और आसपास के इलाकों में सिर्फ इन्हीं पटाखों को बेचने और फोड़ने की अनुमति दी गई है।

कैसे पहचानें असली ग्रीन पटाखे?

बाजार में नकली पटाखे भी ग्रीन पटाखों के नाम पर बेचे जा रहे हैं इसलिए पहचानना जरूरी है। यहां कुछ आसान तरीके बताए जा रहे हैं जिनसे आप असली ग्रीन पटाखे पहचान सकते हैं।

पैकेट पर CSIR-NEERI का हरा लोगो देखें: हर असली ग्रीन पटाखे के पैकेट पर हरे रंग का ‘CSIR-NEERI’ लोगो छपा होता है। अगर यह लोगो नहीं दिखे तो वह पटाखा असली नहीं है।

QR कोड स्कैन करें: हर पैकेट पर एक QR कोड दिया होता है। आप अपने मोबाइल कैमरे या ‘CSIR-NEERI Green Cracker Verification App’ से इसे स्कैन कर सकते हैं। स्कैन करने पर पटाखे की असली जानकारी जैसे, इस्तेमाल किए गए केमिकल, निर्माता और प्रदूषण लेवल दिखाई देगा। अगर कोड काम न करे, तो वह नकली पटाखा हो सकता है।

पैकेट की पैकेजिंग जांचें: ग्रीन पटाखों की पैकिंग मजबूत साफ और उस पर स्पष्ट रूप से ‘Green Cracker’ या ‘NEERI Approved’ लिखा होता है। इस पर निर्माता का नाम, वजन और बैच नंबर भी होता है।

दुकानदार से पूछें और बिल लें: हमेशा लाइसेंसधारी दुकानदार से ही पटाखे खरीदें और बिल जरूर लें। बिना बिल या पहचान के खरीदे गए पटाखे नियम के खिलाफ हैं।

    अगर पहचान में गलती हो जाए तो क्या होगी सजा?

    ग्रीन पटाखों की जगह अगर कोई व्यक्ति या दुकानदार नॉन-ग्रीन पटाखे बेचता या फोड़ता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। यह नियम Delhi Pollution Control Committee (DPCC) और Explosives Act के तहत आते हैं।

    नॉन-ग्रीन पटाखे बेचने या रखने पर: 5000 रुपये जुर्माना या 3 साल तक की जेल हो सकती है।

    नॉन-ग्रीन पटाखे फोड़ने पर: 200 रुपये जुर्माना या 6 महीने तक की जेल का प्रावधान है।

    अगर बार-बार नियम तोड़े गए तो रोजाना 5000 रूपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

    पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण विभाग इन दिनों सख्त निगरानी में हैं। इसलिए सतर्क रहें, सही पटाखा खरीदें और दूसरों को भी जागरूक करें।

    क्यों जरूरी है जिम्मेदारी से दिवाली मनाना

    दिल्ली-एनसीआर जैसे इलाकों में पहले से ही प्रदूषण का स्तर खतरनाक है। गलत पटाखे जलाने से न केवल हवा खराब होती है बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों के लिए यह गंभीर खतरा बन जाता है। ऐसे में ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल करके हम न केवल त्योहार का आनंद ले सकते हैं बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान दे सकते हैं।