
Kumma AI Teddy Bear (Image: Gemini)
Kumma AI Teddy Bear: बचपन में खिलौने हमारे सबसे अच्छे दोस्त हुआ करते थे, लेकिन क्या हो अगर यही दोस्त बच्चों के लिए दुश्मन बन जाएं? तकनीक की दुनिया ने बच्चों के खेलने का तरीका बदल दिया है। आजकल बाजार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वाले खिलौने आ गए हैं।
ये खिलौने देखने में तो आम टेडी बियर या रोबोट जैसे लगते हैं लेकिन इनके अंदर का दिमाग कभी-कभी बहुत खतरनाक हो सकता है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट ने पेरेंट्स की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि ये स्मार्ट खिलौने बच्चों से ऐसी बातें कर रहे हैं जो किसी भी लिहाज से सही नहीं हैं।
अमेरिका में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसने स्मार्ट टॉयज की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहां कुम्मा (Kumma) नाम का एक AI टेडी बियर काफी चर्चा में रहा है। यह खिलौना OpenAI के मॉडल पर आधारित था, यानी इसमें बात करने की समझ थी। लेकिन, बच्चों को अच्छी बातें सिखाने के बजाय, इस टेडी बियर ने हिंसक और अश्लील बातें करनी शुरू कर दीं।
सोचिए, एक मासूम बच्चा जिसे अपना दोस्त समझकर खेल रहा है, वह उसे गलत भाषा और हिंसा का पाठ पढ़ा रहा है। यह घटना बताती है कि तकनीक पर आंख मूंदकर भरोसा करना कितना भारी पड़ सकता है।
खतरा सिर्फ गंदी बातों तक ही सीमित नहीं है बल्कि बात निजता की भी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये AI खिलौने सिर्फ बच्चों से बात ही नहीं करते हैं बल्कि उनकी बातों और आवाज को रिकॉर्ड भी करते हैं। करीब 80 अलग-अलग संगठनों ने मिलकर माता-पिता को चेतावनी दी है कि वे ऐसे AI खिलौनों से दूरी बनाकर रखें।
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बच्चे इन खिलौनों पर भावनात्मक रूप से निर्भर हो सकते हैं। अगर बच्चा इंसान के बजाय मशीन से जुड़ाव महसूस करने लगेगा तो उसका सामाजिक और मानसिक विकास बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
स्मार्ट खिलौनों का बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि साल 2023 में स्मार्ट टॉय का मार्केट करीब 16.7 अरब डॉलर का था। अनुमान है कि 2030 तक यह दोगुना हो जाएगा। कंपनियां मुनाफा तो कमा रही हैं लेकिन सुरक्षा के मानकों पर चूक हो रही है।
राहत की बात यह है कि यूरोपीय संघ (EU) ने इस खतरे को गंभीरता से लिया है और 2025 से ऐसे खिलौनों को हाई-रिस्क कैटेगेरी में रखने का फैसला किया है। वहीं, भारत के लिए चिंता का विषय यह है कि हमारे यहां अभी इन खिलौनों को लेकर अलग से कोई सख्त कानून मौजूद नहीं है।
Published on:
03 Dec 2025 11:04 am
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