
कड़ाके की ठंड ने बढ़ाई सिहरन (फोटो सोर्स : Patrika)
Cold Wave 2025: उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में नवंबर का महीना इस बार विशेष रूप से ठंडा साबित हो रहा है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और राजधानी दिल्ली तक, हर जगह तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई है। पहाड़ों पर हो रही लगातार बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय रहने से मैदानी इलाकों में भी शीतलहर जैसी स्थिति बन चुकी है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकॉर्ड किया गया, जिससे लोगों को नवंबर में ही दिसंबर-जनवरी जैसी ठिठुरन महसूस होने लगी है।
बीते कई दिनों से उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। रविवार की रात कानपुर, इटावा, बाराबंकी, अयोध्या, अमेठी, मेरठ और बुलंदशहर जैसे कई जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से भी नीचे पहुंच गया। सामान्यतःनवंबर के पहले पखवाड़े में इतनी ठंड नहीं होती, लेकिन इस बार हालात अलग हैं।
कानपुर और बाराबंकी में रात का तापमान सामान्य से 4 डिग्री तक नीचे पहुंच गया। प्रयागराज, उरई, गोंडा, सीतापुर और फतेहपुर में भी सुबह-शाम शीतलहर जैसी स्थिति दर्ज की गई। कई स्थानों पर लोग सुबह के समय घने कोहरे और ठंडी हवा के कारण अपने घरों से देर तक बाहर नहीं निकल सके। मौसम विभाग का कहना है कि यह गिरावट सीधे तौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव का परिणाम है।
लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश में पछुआ हवाएँ अत्यधिक सक्रिय थीं, जिनकी गति सामान्य से अधिक रही। ये हवाएँ मैदानी इलाकों में तापमान तेजी से गिराने का काम करती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पछुआ हवाओं की तेज रफ्तार के कारण ही यूपी में रात के तापमान में तेज गिरावट देखी गई। हालांकि राहत की खबर यह है कि मौसम विभाग ने सोमवार से पछुआ हवाओं की गति कम होने की संभावना जताई है। इससे रात के तापमान में गिरावट का सिलसिला कुछ थम सकता है और शीतलहर का असर भी धीरे-धीरे कम होगा।
सोमवार से मौसम में हल्का सुधार देखने को मिल सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, दिन में धूप खिलने से लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन सुबह और देर शाम फिर भी ठंड का असर बना रहेगा। मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह तक तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों,जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले एक सप्ताह से भारी बर्फबारी और बारिश का दौर जारी है। कश्मीर घाटी के कई क्षेत्रों में तापमान माइनस में पहुँच चुका है। हिमाचल के केलांग, किन्नौर और स्पीति घाटी में पारा -5 डिग्री तक गिर गया है।
इस लगातार हो रही बर्फबारी का सीधा असर मैदानी क्षेत्रों में महसूस किया जा रहा है। जब पहाड़ों पर ठंडी हवाएँ नीचे उतरती हैं, तो यह हवा मैदानी इलाकों में तापमान तेजी से कम कर देती है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब तक नवंबर के मध्य में ही भीषण ठंड महसूस की जा रही है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले तीन वर्षों में नवंबर का सबसे ठंडा दिन रहा। दिल्ली-एनसीआर के गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम में भी सुबह के समय घना कोहरा और तेज़ सर्द हवा चली। इससे लोगों ने दिन ढलते ही मोटे कपड़े पहनना शुरू कर दिया।
सिर्फ उत्तर भारत ही नहीं, बल्कि ओडिशा, झारखंड और पूर्वी मध्य प्रदेश तक में तापमान में गिरावट देखी जा रही है। ओडिशा के कुछ जिलों में रात का तापमान सीजन के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव और उत्तरी ठंडी हवाओं से पैदा हुई है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान बताता है कि 17 नवंबर की रात एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके बाद मैदानी क्षेत्रों में तापमान में हल्की वृद्धि देखी जा सकती है। लेकिन यह राहत लंबी नहीं रहेगी। जैसे ही यह विक्षोभ आगे बढ़ेगा, तापमान फिर नीचे आएगा। 21 नवंबर को एक और बड़ा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके चलते पहाड़ों पर फिर से बर्फबारी और बारिश हो सकती है, जिसके प्रभाव से मैदानी क्षेत्रों में ठंड और बढ़ने की आशंका है। दिसंबर की ठंड नवंबर में ही महसूस होने लगेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष उत्तरी भारत में सर्दी सामान्य से अधिक कड़ी हो सकती है।
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Updated on:
17 Nov 2025 04:02 pm
Published on:
17 Nov 2025 04:01 pm
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