
Driving My Dreams : उत्तर प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत गुरुवार को पूरे प्रदेश में एक अभिनव कार्यक्रम "ड्राइविंग माय ड्रीम्स" आयोजित किया गया। अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह की थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम ने बालिकाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भरता की नई दिशा दी है। इस अभियान का मूल उद्देश्य है, बालिकाओं को कौशल विकास, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता के मार्ग पर आगे बढ़ाना। यह कार्यक्रम न सिर्फ ड्राइविंग सिखाने का प्रशिक्षण है, बल्कि यह बेटियों को उनके सपनों को उड़ान देने का सशक्त माध्यम भी है।
इस योजना के तहत प्रदेश के प्रत्येक जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों से 100-100 बालिकाओं और महिलाओं का चयन किया गया। इन्हें न्यूनतम 1 माह का निःशुल्क ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस दौरान प्रशिक्षक उन्हें न केवल वाहन चलाना सिखाएंगे, बल्कि सड़क सुरक्षा, ट्रैफिक नियम, आपातकालीन स्थिति में वाहन नियंत्रण और महिला सुरक्षा उपायों की भी जानकारी देंगे। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि प्रशिक्षण उपरांत इन बालिकाओं को औपचारिक ड्राइविंग लाइसेंस दिलवाया जाए। इससे वे रोजगार और स्वरोजगार दोनों के अवसरों को तलाश सकेंगी और जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगी।
इस कार्यक्रम में विद्यालयों और महाविद्यालयों की छात्राओं के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों से आई महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। कई बालिकाएँ पहली बार गाड़ी की स्टेयरिंग संभालते हुए अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाती नजर आईं। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आई बेटियों के लिए यह अनुभव बेहद खास रहा। उन्होंने कहा कि गाँवों में गाड़ी चलाने का अवसर मिलना दुर्लभ होता है। लेकिन सरकार ने उन्हें यह मंच देकर जीवन बदलने का मौका दिया है।
यह कार्यक्रम केवल वाहन चलाने तक सीमित नहीं है। दरअसल, यह एक सामाजिक और आर्थिक क्रांति की शुरुआत है। ड्राइविंग सीखने से बालिकाएँ न सिर्फ रोजगार के नए अवसर पा सकेंगी, बल्कि अपनी सुरक्षा और स्वतंत्रता के मामले में भी आत्मनिर्भर होंगी। कई छात्राओं ने इसे अपने करियर और शिक्षा में नई दिशा देने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग सीखने के बाद वे पार्ट-टाइम जॉब्स या स्वयं का कार्य शुरू कर सकती हैं, जिससे उनके परिवार की आय में भी योगदान होगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा कि ड्राइविंग माय ड्रीम्स केवल ड्राइविंग का प्रशिक्षण देने वाला कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह बेटियों और महिलाओं के सपनों को दिशा देने का अभियान है। मिशन शक्ति की भावना है कि हर बेटी आत्मनिर्भर बने और जीवन के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए।” विभाग की निदेशक संदीप कौर ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में जिस तरह बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक इस कार्यक्रम में भाग लिया, उससे यह संदेश गया है कि उत्तर प्रदेश की बेटियाँ अब हर राह पर आत्मविश्वास से आगे बढ़ेंगी।
मिशन शक्ति अभियान पिछले कुछ वर्षों से महिलाओं और बालिकाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है। यह न केवल सुरक्षा और आत्मविश्वास की बात करता है, बल्कि कौशल विकास और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में भी ठोस कदम उठा रहा है। ड्राइविंग माय ड्रीम्स” उसी कड़ी का हिस्सा है, जो बालिकाओं को उनके जीवन की ड्राइविंग सीट पर बैठाने का प्रतीक है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मिशन शक्ति के पांचवें चरण (22 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025) के बीच कुल 13,12,997 व्यक्तियों को जागरूक किया गया है। इसमें महिलाएँ, पुरुष, बच्चे और बच्चियां सभी शामिल रहे। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि मिशन शक्ति का प्रभाव लगातार व्यापक हो रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह के अभियानों से तभी सफलता मिलती है जब समाज और सरकार मिलकर काम करें। परिवारों का समर्थन, समाज की मानसिकता में बदलाव और सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन मिलकर ही बेटियों को आत्मनिर्भर बना सकते हैं। ड्राइविंग माय ड्रीम्स ने यह साबित किया है कि जब अवसर दिए जाएँ, तो बेटियाँ हर क्षेत्र में अपनी सफलता की मिसाल कायम कर सकती हैं।
Published on:
03 Oct 2025 10:00 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
