
Lucknow Airport Flight Diversion: नेपाल की राजधानी काठमांडू में अचानक खराब मौसम के चलते शनिवार को तीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात रूप से डायवर्ट किया गया। तीनों विमान, मुंबई, दिल्ली और बैंकॉक से उड़ान भरकर काठमांडू जा रहे थे। मौसम के सामान्य होने के बाद, शाम के समय सभी फ्लाइट्स को लखनऊ एयरपोर्ट से पुनः काठमांडू के लिए रवाना किया गया।
शनिवार सुबह से ही काठमांडू घाटी में घने बादल और तेज हवाओं के कारण दृश्यता बेहद कम हो गई थी। नेपाल एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के अनुसार त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दृश्यता 1,200 मीटर से नीचे चली गई थी, जो कि अंतरराष्ट्रीय विमानों के सुरक्षित लैंडिंग मानक से काफी कम है। ऐसे में सुरक्षा कारणों से तीनों विमानों को वैकल्पिक हवाई अड्डा (Alternate Airport) के रूप में लखनऊ की ओर डायवर्ट किया गया। लखनऊ एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने सभी विमानों को सुरक्षित लैंडिंग की अनुमति दी।
लखनऊ एयरपोर्ट प्राधिकरण के मुताबिक, काठमांडू जाने वाली तीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शनिवार दोपहर और शाम के बीच में लखनऊ में सुरक्षित उतारा गया।
इनमें शामिल थीं:
लखनऊ एयरपोर्ट पर अचानक तीन अंतरराष्ट्रीय विमानों की लैंडिंग से थोड़ी देर के लिए व्यस्तता बढ़ गई, लेकिन एयरपोर्ट अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों और ATC स्टाफ ने स्थिति को कुशलतापूर्वक संभाला।एयरपोर्ट निदेशक (Lucknow Airport Director) संजय नारायण सिंह ने बताया कि तीनों उड़ानें सुरक्षित रूप से लैंड हुईं। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता थी। मौसम सामान्य होने के बाद हमने उन्हें समयानुसार रवाना कर दिया। यात्रियों को पानी, नाश्ता और एयरलाइंस द्वारा आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई गई। एयरपोर्ट कर्मियों ने लखनऊ में रुके विमानों की फ्यूलिंग और ग्राउंड हैंडलिंग का कार्य भी संभाला।
शाम 6 बजे के बाद काठमांडू में मौसम धीरे-धीरे सामान्य होने लगा और दृश्यता 2,500 मीटर से अधिक हो गई। इसके बाद तीनों एयरलाइंस को उड़ान की अनुमति मिल गई।
लखनऊ एयरपोर्ट पर रुके यात्रियों ने राहत की सांस ली कि विमान सुरक्षित उतारे गए और एयरलाइंस ने समय रहते जानकारी दी। मुंबई से काठमांडू जा रही फ्लाइट की यात्री श्वेता तिवारी ने बताया कि थोड़ी देर के लिए चिंता हुई, लेकिन पायलट ने समय पर घोषणा की और हमें भरोसा दिलाया। लखनऊ एयरपोर्ट पर स्टाफ ने अच्छी व्यवस्था की थी। वहीं बैंकॉक से आए यात्री केनिची सातो (जापान) ने कहा कि The landing was smooth and the staff was helpful. We appreciate the safety priority.
लखनऊ एयरपोर्ट उत्तर भारत में अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स के लिए प्रमुख डायवर्जन हब के रूप में उभर रहा है। जब भी काठमांडू, वाराणसी या दिल्ली में खराब मौसम या तकनीकी कारणों से उड़ानें प्रभावित होती हैं, तो लखनऊ को वैकल्पिक लैंडिंग विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि लखनऊ एयरपोर्ट की रनवे लंबाई, आधुनिक नेविगेशन सिस्टम, फॉग-असिस्टेड लैंडिंग सुविधा (CAT-IIIB) और तेज़ ग्राउंड हैंडलिंग क्षमता इसे सुरक्षित विकल्प बनाती है।विमानन विशेषज्ञ कैप्टन अरविंद खन्ना कहते हैं कि लखनऊ एयरपोर्ट का भौगोलिक स्थान काठमांडू के करीब है और यहां का मौसम भी अपेक्षाकृत स्थिर रहता है। इसलिए ऐसी परिस्थितियों में यह सबसे उपयुक्त डाय वर्जन पॉइंट बन जाता है।
काठमांडू त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा हिमालय की घाटी में स्थित है, जहां मौसम अचानक बदलना आम बात है। बारिश, धुंध और पहाड़ी हवाओं के कारण वहां की उड़ानों में अक्सर देरी या डाय वर्जन की स्थिति बनती है। नेपाल के सिविल एविएशन प्राधिकरण (CAAN) के अनुसार सितंबर से नवंबर के बीच काठमांडू एयरपोर्ट पर हर वर्ष औसतन 50 से 60 उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ता है।
तीनों प्रभावित एयरलाइंस, इंडिगो, थाई एयर एशिया और एयर इंडिया ने बयान जारी कर यात्रियों को भरोसा दिलाया कि सुरक्षा से बड़ा कोई उद्देश्य नहीं है। इंडिगो ने कहा कि उनके सभी पायलटों और क्रू ने मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया। थाई एयर एशिया की ओर से कहा गया, Safety of passengers comes first. We thank passengers for their patience during the weather delay.
लखनऊ एयरपोर्ट प्रबंधन ने कहा है कि वह इस तरह की आकस्मिक स्थितियों के लिए पूरी तरह तैयार है। यहां 24 घंटे सक्रिय एयर ट्रैफिक कंट्रोल, मेडिकल टीम और ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट मौजूद रहती है।इसके अलावा, एयरपोर्ट में यात्रियों के लिए ट्रांजिट लाउंज, रेस्ट एरिया और फूड कोर्ट जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
काठमांडू में खराब मौसम के चलते शनिवार को तीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को लखनऊ में उतारा जाना इस बात का प्रमाण है कि समन्वय और तकनीकी दक्षता से किसी भी आपात स्थिति को सफलतापूर्वक संभाला जा सकता है। लखनऊ एयरपोर्ट की टीम, ATC और एयरलाइंस के संयुक्त प्रयास से न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई बल्कि पूरे संचालन को सुचारू रूप से संपन्न किया गया। यह घटना भारतीय हवाई सुरक्षा व्यवस्था की तत्परता, तकनीकी मजबूती और मानव संवेदनशीलता का प्रतीक बन गई।
Published on:
05 Oct 2025 09:27 am
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