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Railway Heroes: रेल की पटरियों पर जिंदगी की नई सुबह: अवध आसाम एक्सप्रेस में महिला ने दिए जुड़वां बच्चों को जन्म

Twin Miracle on Tracks: अवध आसाम एक्सप्रेस में सफर कर रही गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई, जिस पर उत्तर रेलवे की टीम ने लखनऊ स्टेशन पर त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई करते हुए जुड़वाँ बच्चों का सुरक्षित जन्म कराया। यह घटना रेलवे की मानवीयता और तत्पर सेवा का प्रेरणादायक उदाहरण बनी।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 31, 2025

सूझबूझ से बची माँ और दोनों शिशुओं की जान (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

सूझबूझ से बची माँ और दोनों शिशुओं की जान (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Railway Heroes Lucknow Station:  उत्तर रेलवे की “सेवा ही धर्म” की भावना एक बार फिर वास्तविकता में तब्दील हो गई, जब अवध आसाम एक्सप्रेस में सफर कर रही एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई और रेलवे अधिकारियों की तत्परता ने न केवल दो नई ज़िंदगियों को जन्म दिया, बल्कि यात्रियों के मन में रेलवे के प्रति विश्वास और सम्मान को और मजबूत किया।

अचानक शुरू हुई प्रसव पीड़ा, परिजनों ने दी सूचना

गुरुवार की सुबह गाड़ी संख्या 15910 अवध आसाम एक्सप्रेस लालगढ़ से समस्तीपुर की ओर जा रही थी। इसी ट्रेन के एक कोच में समस्तीपुर, बिहार निवासी हीरा देवी, पत्नी श्री छोटू, अपने परिवार के साथ यात्रा कर रही थीं। यात्रा सामान्य रूप से चल रही थी कि ट्रेन के लखनऊ जंक्शन पहुँचने से ठीक पहले ही हीरा देवी को तेज़ प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। घबराए परिजनों ने तत्काल रेलवे हेल्पलाइन 139 पर फोन कर सहायता मांगी। कुछ ही क्षणों में सूचना उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के नियंत्रण कक्ष तक पहुँची, जहाँ से मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय का परिचय देते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की गई।

रेलवे की टीम हुई सक्रिय, तैयार हुई आपात चिकित्सा व्यवस्था

सूचना मिलते ही डिविजनल रेलवे मैनेजर (लखनऊ) कार्यालय से मेडिकल टीम को अलर्ट किया गया। लखनऊ स्टेशन पर इमरजेंसी मेडिकल रूम (EMR) की चिकित्सीय टीम, महिला आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) कर्मी और नर्सिंग स्टाफ को मौके पर तैनात कर दिया गया। स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचते ही आरपीएफ कर्मियों ने तुरंत कोच की पहचान की और महिला को सुरक्षित उतारा गया। डॉ. वी.के. त्रिपाठी के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने प्रसव पीड़ा से गुजर रही महिला को संभाला और प्राथमिक जांच के बाद तत्काल प्रसव की प्रक्रिया शुरू कर दी।

एम्बुलेंस आने से पहले ही रेलवे डॉक्टरों ने कराया सफल प्रसव

प्रसव पीड़ा की तीव्रता को देखते हुए निर्णय लिया गया कि महिला को अस्पताल ले जाने में देरी उसकी और शिशु की जान के लिए जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में रेलवे चिकित्सकों ने तत्काल मौके पर ही प्रसव कराने का निर्णय लिया। एम्बुलेंस आने से पहले ही चिकित्सा दल की देखरेख में हीरा देवी ने जुड़वां बच्चों में  एक बालक और एक बालिका को जन्म दिया। पूरी प्रक्रिया के दौरान महिला आरपीएफ कर्मियों और नर्सिंग स्टाफ ने अत्यंत संवेदनशीलता और पेशेवर दक्षता का परिचय दिया। थोड़ी ही देर बाद एम्बुलेंस स्टेशन पर पहुंच गई, लेकिन जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ पाए गए। प्राथमिक चिकित्सीय जांच के बाद डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है।

स्वस्थ महसूस करने पर महिला ने अस्पताल जाने से किया इनकार

हीरा देवी ने रेलवे की त्वरित मदद के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने खुद को और अपने नवजात शिशुओं को बिल्कुल स्वस्थ महसूस किया। इसलिए उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया। रेलवे अधिकारियों के अनुरोध पर थोड़ी देर विश्राम करने के बाद परिवार ने आगे की यात्रा जारी रखने का निर्णय लिया। बाद में, रेलवे के सहयोग से परिवार को ग्वालियर–बरौनी एक्सप्रेस में बैठाया गया, जिससे वे अपने गंतव्य समस्तीपुर के लिए रवाना हो गए।

रेलवे अधिकारियों ने दिखाई संवेदनशीलता 

घटना की जानकारी मिलते ही उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के वरिष्ठ मंडल संचालन प्रबंधक, स्टेशन निदेशक और चिकित्सा अधीक्षक मौके पर पहुँचे। उन्होंने पूरी प्रक्रिया की निगरानी की और यह सुनिश्चित किया कि माँ और बच्चों को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध हो। स्टेशन निदेशक ने कहा कि यह उत्तर रेलवे के कर्मचारियों की मानवीय संवेदनशीलता और तत्परता का परिणाम है कि आज दो नवजीवन सुरक्षित जन्म ले सके। हम यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि ट्रेन में यात्रा के दौरान चिकित्सा आपातकाल की स्थिति में रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 या RPF हेल्पलाइन 182 पर दी गई हर सूचना पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। यह घटना उसी प्रणाली की कार्यकुशलता का प्रमाण है।

यात्रियों ने भी सराहा रेलवे की तत्परता

ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने भी रेलवे की त्वरित सेवा की प्रशंसा की। कई यात्रियों ने बताया कि जिस तरह से चिकित्सा दल और रेलवे कर्मियों ने बिना किसी अफरा-तफरी के स्थिति को संभाला, वह काबिले तारीफ है। एक यात्री  राम सेवक ने कहा कि हमने कई बार सुना है कि ट्रेन में मदद देर से पहुँचती है, लेकिन आज हमने देखा कि रेलवे कितनी तेजी और संवेदनशीलता से काम करता है। यह हमारे लिए गर्व का क्षण था।

जुड़वाँ बच्चों के जन्म पर रेलवे कर्मचारियों में खुशी की लहर

माँ और दोनों शिशुओं के स्वस्थ रहने की जानकारी मिलते ही रेलवे कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। कई कर्मचारियों ने स्टेशन पर मिठाइयाँ बाँटी और परिवार को शुभकामनाएं दीं। एक महिला आरपीएफ कर्मी ने कहा कि जब हमने दोनों बच्चों की पहली आवाज सुनी, तो ऐसा लगा जैसे पूरी मेहनत सफल हो गई। यह क्षण हम कभी नहीं भूल पाएँगे।