Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP ATS: हिंदू धर्म गुरुओं की हत्या की साजिश का मास्टरमाइंड निकला मोहम्मद रजा

UP ATS Mohammad Raza Fatehpur News:   फतेहपुर के अंदौली गांव का मोहम्मद रजा हिंदू धर्म गुरुओं की हत्या और सरकार गिराने की साजिश का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। एटीएस ने उसे केरल से गिरफ्तार किया है। रजा पर पाकिस्तान से वर्चुअल आईडी के जरिए संपर्क और आतंकी नेटवर्क खड़ा करने के आरोप हैं। जांच जारी है।

5 min read

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Oct 01, 2025

फतेहपुर के अंदौली गांव से जुड़ा, चार साल पहले छोड़ा घर, अब एटीएस की गिरफ्त में      (फोटो सोर्स :Whatsapp)

फतेहपुर के अंदौली गांव से जुड़ा, चार साल पहले छोड़ा घर, अब एटीएस की गिरफ्त में      (फोटो सोर्स :Whatsapp)

UP ATS Arrests Mohammad Raza: उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हिंदू धर्म गुरुओं की हत्या और सरकार गिराने की साजिश में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में फतेहपुर जिले के राधा नगर थाना क्षेत्र के अंदौली गांव निवासी मोहम्मद रजा का नाम सबसे प्रमुख मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया है। एटीएस ने रजा को केरल से दबोच लिया, जबकि उससे जुड़े तीन अन्य युवकों को भी पकड़ा गया है। रजा की गिरफ्तारी के बाद गांव में सनसनी फैल गई है। उसके परिवार की मानें तो चार साल से वह घर से बाहर रह रहा था और केरल में किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी में वेल्डिंग का काम करता था। हर 15-20 दिन में वह मां को 5-7 हजार रुपये भेजता था। लेकिन एटीएस के हत्थे चढ़ने के बाद उसके पाकिस्तानी संगठनों से कनेक्शन और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका गहराने लगी है।

गिरफ्तारी की पूरी कहानी

एटीएस सूत्रों के अनुसार सोमवार शाम को फतेहपुर निवासी मोहम्मद रजा को केरल से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले उससे जुड़ी गतिविधियों पर लंबे समय से खुफिया एजेंसियों की नजर थी। आरोप है कि वह मोबाइल और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जंग-ए-जिहाद के नाम पर युवाओं को उकसा रहा था और एक तथाकथित मुजाहिद आर्मी तैयार करने की कोशिश कर रहा था। सूत्र बताते हैं कि रजा के पास से कुछ डिजिटल साक्ष्य भी मिले हैं, जिनसे उसके पाकिस्तान से संपर्क में होने की आशंका जताई जा रही है।

मां की पीड़ा: “बेटा कह रहा था सब ठीक है”

गांव स्थित घर में बैठी रजा की मां जमीला बानो का चेहरा गमगीन है। वह कहती हैं कि सोमवार शाम को ही बेटे से फोन पर बात हुई थी। उसने बताया कि सब ठीक है, नमाज पढ़कर खाना खाने जा रहा है। कुछ देर बाद पुलिस आ गई और हथकड़ी लगाकर ले गई। तब से समझ नहीं पा रही हूँ कि मेरा बेटा आखिर किस जुर्म में फंस गया। जमीला का कहना है कि रजा ने चार साल पहले गांव छोड़ दिया था। पहले मुंबई गया और फिर केरल जाकर कंस्ट्रक्शन कंपनी में वेल्डिंग का काम करने लगा। वहां अपने छोटे भाइयों जीशान और शहजाद को भी साथ बुला लिया। घर खर्च के लिए हर महीने पैसे भेजता रहा।

गांव की चुप्पी और दहशत

अंदौली गांव में रजा की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही माहौल बदल गया। लोग आपस में कानाफूसी करते दिखे लेकिन खुलकर कुछ कहने से बच रहे थे। ग्रामीणों की चुप्पी से यह साफ है कि वे रजा की गतिविधियों को लेकर पहले से शक में थे, लेकिन कोई सामने आने को तैयार नहीं है। गांव के एक बुजुर्ग ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि लड़का पढ़ाई में कमजोर था। ज्यादा मेलजोल भी नहीं करता था। चार साल से गांव से दूर रहा, पता नहीं कब और कैसे ऐसे कामों में फंस गया।"

स्थानीय पुलिस की चुप्पी

इस मामले में सबसे हैरानी की बात यह रही कि रजा की गिरफ्तारी के बाद भी स्थानीय पुलिस ने मंगलवार रात तक उसके परिवार से कोई संपर्क नहीं किया। परिवार को गिरफ्तारी की जानकारी रजा के भाई जीशान ने दी, जिसने किसी दूसरे फोन से कॉल किया। पुलिस की चुप्पी से यह साफ है कि पूरा ऑपरेशन एटीएस के नियंत्रण में है और संभवतः लखनऊ से ही निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

बचपन और पढ़ाई

मोहम्मद रजा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के मदरसा इकरा गरीब नवाज से की थी। यह मदरसा यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त है। वह लगभग 15 साल की उम्र तक मदरसे में पढ़ता रहा, लेकिन इसके बाद पढ़ाई छोड़ दी। परिवार के मुताबिक, 4-5 साल पहले वह केरल कमाने चला गया। डेढ़ साल पहले एक बार गांव आया था, कुछ दिन रहा और फिर वापस लौट गया।

काम और पैसे भेजना

केरल में रजा एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में वेल्डिंग का काम करता था। उसी कंपनी में उसके छोटे भाई शहजाद और जीशान भी काम करते हैं। मां जमीला बताती हैं कि वह हर पखवाड़े ₹5000-7000 रुपये ऑनलाइन उनके खाते में भेजता था। एटीएस अब इस लेन-देन की जांच कर रही है कि पैसे किस खाते से आते थे और कहीं यह किसी फर्जी अकाउंट या हवाला नेटवर्क से तो नहीं जुड़ा है।

पाकिस्तानी कनेक्शन की आशंका

एटीएस सूत्रों के अनुसार, रजा का कनेक्शन पाकिस्तान के कुछ संगठनों से हो सकता है। आरोप है कि वह वर्चुअल आईडी और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में आया था। यह मामला पहले पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला से मिलता-जुलता है। 2022 में पकड़े गए सैफुल्ला ने भी कई वर्चुअल आईडी बनाई थीं और फेसबुक-टेलीग्राम के जरिए पाकिस्तान से संपर्क साधा था।

धर्मांतरण नेटवर्क से भी जोड़

अंदौली गांव का नाम पहले भी विवादों में रहा है। यहीं धर्मांतरण के मास्टरमाइंड मौलाना उमर गौतम का पुराना अड्डा बताया जाता है। उमर गौतम का नेटवर्क कई जिलों तक फैला था और उसे धर्मांतरण मामले में लखनऊ कोर्ट से सजा भी हो चुकी है। अब एटीएस की जांच में यह शक गहराता जा रहा है कि रजा भी कभी उमर गौतम के संपर्क में रहा होगा।

डिजिटल जांच और नेटवर्क की पड़ताल

एटीएस ने रजा और उसके भाइयों के मोबाइल जब्त कर लिए हैं। डिजिटल फॉरेंसिक की मदद से यह पता लगाया जाएगा कि रजा किन-किन व्हाट्सएप ग्रुपों में सक्रिय था और उसका नेटवर्क कितना बड़ा था। संदेह है कि फतेहपुर जिले के कुछ और युवक भी उसके नेटवर्क का हिस्सा रहे हैं। एटीएस टीम किसी भी समय अंदौली गांव आकर गहराई से पूछताछ कर सकती है।

गांव का घर और परिवार

रजा का घर बस्ती से बाहर किनारे पर है। एक छोटे कमरे और टिनशेड से बने इस घर में उसकी मां जमीला रहती हैं। पिता जावेद की मौत दस साल पहले हो चुकी है। रजा चार भाइयों में सबसे बड़ा है, जबकि एक भाई की मौत पहले ही हो चुकी है। गांव के लोग बताते हैं कि रजा अंतर्मुखी स्वभाव का था और दोस्तों की संख्या भी बहुत कम थी। उसका नेटवर्क समझना आसान नहीं था।

एटीएस की पड़ताल – “मुजाहिदआर्मी” का षड्यंत्र

एटीएस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि रजा व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिए युवाओं को कट्टरपंथ की ओर मोड़ रहा था। टारगेट किलिंग की साजिश में उसका नाम प्रमुख रूप से आया है। आरोप है कि वह “मुजाहिद आर्मी” के नाम पर युवाओं को जोड़ने और उन्हें ऑनलाइन फंडिंग उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहा था।

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रदेश में सक्रिय कट्टरपंथी नेटवर्क की ओर इशारा करता है। रक्षा मामलों के जानकार कर्नल (सेवानिवृत्त) आर.के. सिंह ने कहा कि ऐसे नेटवर्क की खासियत यही होती है कि वे वर्चुअल आईडी के जरिए देश से बाहर के संगठनों से संपर्क साधते हैं। एटीएस का काम अब यह साबित करना होगा कि रजा के पाकिस्तान से संपर्क किस स्तर तक थे।

परिवार का दर्द और सवाल

रजा की मां और बहनें लगातार यही कह रही हैं कि उनका बेटा निर्दोष है। जमीला ने रोते हुए कहा कि बेटा तो बस काम करता था, घर खर्च भेजता था। बड़े दिनों बाद जिंदगी थोड़ी आसान हुई थी, अब फिर सब बर्बाद हो गया। लेकिन एटीएस की जांच और आरोप गंभीर हैं। अगर पाकिस्तानी फंडिंग और आतंकी साजिश का आरोप साबित होता है, तो रजा लंबे समय तक जेल में रह सकता है।