
UP में ‘स्लीपिंग मॉड्यूल’ का साया गहराया: ATS की खोज नए मोड़ पर (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )
Delhi Blast Update: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार धमाके ने न सिर्फ देश की सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर ला दिया है, बल्कि उत्तर प्रदेश में संभावित ‘स्लीपिंग मॉड्यूल’ की मौजूदगी की आशंका को भी गहरा दिया है। गुजरात, दिल्ली, हरियाणा और यूपी में की गई हालिया गिरफ्तारियों के बाद यूपी एटीएस अब बड़े नेटवर्क की तफ्तीश में जुट गई है। जांच का फोकस यूपी के कई जिलों-लखनऊ, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद और आसपास के इलाकों पर केंद्रित है, जहां बाहरी राज्यों से पढ़ने आए छात्र-छात्राओं और मेडिकल समुदाय से जुड़े व्यक्तियों की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है।
डॉ. परवेज की गिरफ्तारी ने बढ़ाई सतर्कता-आगरा कनेक्शन ने जांच को नयी दिशा दी
दिल्ली विस्फोट केस में पकड़े गए डॉक्टर साहिल (फरीदाबाद) के बाद उनके भाई डॉ. परवेज सिद्दीकी की गिरफ्तारी ने यूपी एटीएस को आगरा की ओर मोड़ दिया है। जांच में सामने आया कि डॉ. परवेज ने आगरा के एस.एन. मेडिकल कॉलेज से वर्ष 2015 में एमडी किया था और लगभग छह महीने तक यहां नौकरी भी की थी। कॉलेज के रिकॉर्ड, हॉस्टल एंट्री, संपर्क सूत्र और उनके साथ जुड़े छात्रों की सूची फ्रीज कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार पिछले 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेज के दौरान डॉ. परवेज जिन छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ के संपर्क में आए, उनमें से कई का सत्यापन जारी है। एटीएस पहले ही कॉलेज पहुंचकर मेडिसिन विभाग, हॉस्टल और रिकॉर्ड सेक्शन की छानबीन कर चुकी है। जांच टीम यह समझने की कोशिश कर रही है कि कहीं आगरा में पढ़ाई के दौरान कोई आतंकी गतिविधि या संपर्क तो नहीं बना था, या कहीं कोई खामोश मॉड्यूल इसी क्षेत्र में सक्रिय तो नहीं।
10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार धमाके में कई लोगों की मौत के बाद जांच ने बड़ा मोड़ लिया। यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित आतंकी हमला था। इस हमले के बाद गिरफ्तार किए गए डॉक्टर साहिल और फिर उनके भाई डॉ. परवेज से पूछताछ में पाकिस्तानी नेटवर्क से लिंक खुलकर सामने आए।
दिल्ली पुलिस और केंद्र की एजेंसियों ने पुष्टि की कि पाकिस्तान स्थित आतंकी हैंडलर,डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय मॉड्यूल,मेडिकल समुदाय में घुसपैठ,हाईटेक स्लीपिंग सेल,सब एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं। यही कारण है कि अब यूपी एटीएस इस पूरे मामले को महज एक आतंकी घटना न मानकर, संगठित और तैयार स्लीपिंग मॉड्यूल नेटवर्क के रूप में देख रही है।
स्लीपिंग मॉड्यूल वे गुप्त आतंकी समूह होते हैं जो किसी क्षेत्र में सामान्य जीवन जीते हैं,नौकरियां करते हैं,पढ़ाई करते हैं,लेकिन आदेश मिलते ही बड़ी आतंकी गतिविधि अंजाम दे सकते हैं। UP जैसे बड़े और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में इनकी मौजूदगी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा बन सकती है।
यहां बाहरी राज्यों, खासकर जम्मू-कश्मीर से आने वाले छात्रों पर विशेष निगरानी शुरू हो चुकी है। J&K से आए छात्रों पर बढ़ी निगरानी: पढ़ाई के बहाने ठहरे लोगों के सत्यापन तेज,एटीएस को आशंका है कि आतंकी संगठन पढ़ाई या अन्य वैध कार्यों के नाम पर अपने सदस्यों को इन जिलों में शरण दे सकते हैं। इसलिए:
विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर से आगरा मंडल में आए छात्रों की मूवमेंट, संपर्क और सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
खास निगरानी में हैं। इन क्षेत्रों में जमातें आती-जाती रहती हैं और कई बार बाहरी जिलों के लोग लंबे समय तक रुके रहते हैं। पुलिस ने हाल ही में इमामों और मुतवल्लियों की बैठक बुलाकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, कई जिलों में समानांतर जांच चल रही है। जहाँ भी डॉ. परवेज,डॉक्टर साहिल दिल्ली कार धमाके के आरोपियों या पाकिस्तान स्थित हैंडलर का कोई कनेक्शन मिल रहा है, वहाँ तुरंत टीमें भेजी जा रही हैं। फिलहाल दर्जनों लोगों से पूछताछ हो चुकी है और कई का वेरिफिकेशन जारी है। संभावना है कि आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियां हों। एटीएस का मानना है कि यह नेटवर्क पढ़े-लिखे युवाओं में जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है, ताकि स्लीपिंग मॉड्यूल बनाकर किसी बड़े हमले की तैयारी की जा सके।
दिल्ली कार धमाके के बाद यूपी में अलर्ट बढ़ना स्वाभाविक है। डॉ. परवेज जैसे “सफेदपोश” लोगों के नेटवर्क में शामिल होने से सुरक्षा एजेंसियां बेहद गंभीर हो गई हैं। एटीएस की जांच ने यूपी के कई जिलों को शक के घेरे में ला दिया है और ऐसा कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
Published on:
17 Nov 2025 11:57 am
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