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UP Voter List Shock: तीन करोड़ वोटर कटेंगे! लोकतंत्र की इस सबसे बड़ी सफाई पर पूरे यूपी की धड़कनें तेज

UP Voter List: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत बड़ा खुलासा सामने आया है। रिपोर्टों के अनुसार प्रदेश में तीन करोड़ से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा सकते हैं। लखनऊ और गाजियाबाद में सबसे अधिक नाम कटने की संभावना जताई जा रही है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 08, 2025

यूपी में मतदाता सूची पर बड़ा अपडेट: तीन करोड़ से अधिक नाम कटने की संभावना, लखनऊ-गाजियाबाद में सबसे ज्यादा असर (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group)

यूपी में मतदाता सूची पर बड़ा अपडेट: तीन करोड़ से अधिक नाम कटने की संभावना, लखनऊ-गाजियाबाद में सबसे ज्यादा असर (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group)

UP Voter List Shock:: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को लेकर चल रहा विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision - SIR) अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। इस अभियान के तहत प्रदेशभर से आ रही रिपोर्टों के अनुसार, राज्य की मतदाता सूची से तीन करोड़ से अधिक नाम हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है, ताकि आगामी चुनाव निष्पक्ष और व्यवस्थित ढंग से कराए जा सकें।


प्रदेश में 27 अक्टूबर 2025 की स्थिति के अनुसार कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 15 करोड़ 44 लाख 30 हजार 92 (154430092) है। विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत ‘एएसडी श्रेणी’ (Absent, Shifted, Dead) के मतदाताओं की पहचान का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसमें उन लोगों के नाम चिन्हित किए जा रहे हैं, जो लंबे समय से अपने पते पर मौजूद नहीं हैं, स्थानांतरित हो गए हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है या जो किसी अन्य स्थान पर पहले से पंजीकृत पाए गए हैं।

लखनऊ और गाजियाबाद में सबसे ज्यादा नाम कटने की आशंका

SIR से जुड़े अधिकारियों और सूत्रों के अनुसार, राजधानी लखनऊ और औद्योगिक जिला गाजियाबाद में सबसे अधिक नाम कटने की संभावना है। इन दोनों जिलों में एएसडी श्रेणी के मतदाताओं का अनुपात 25 से 30 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। जब प्रदेश स्तर पर औसतन यह आंकड़ा लगभग 20 प्रतिशत के आसपास है, तब इन जिलों के आंकड़े विशेष चिंता और चर्चा का विषय बन गए हैं।

अधिकारियों का कहना है कि बड़े शहरी जिलों में तेजी से बढ़ते शहरीकरण, प्रवासन (माइग्रेशन) और किरायेदारी की प्रवृत्ति के कारण मतदाता सूची में नामों का सत्यापन कठिन हो जाता है। लोग काम-धंधे की वजह से शहर बदल लेते हैं, लेकिन मतदाता सूची में अपने नाम की अपडेट प्रक्रिया पूरी नहीं करते, जिससे सूची में फर्जी या निष्क्रिय नामों की संख्या बढ़ जाती है।

इन जिलों में पूरा हुआ  SIR कार्य

चुनाव आयोग से मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, औरैया, आजमगढ़ और एटा जिलों ने विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य 100 प्रतिशत पूरा कर लिया है। एटा जिले की स्थिति खास तौर पर चर्चा में है, क्योंकि वहां प्रशासन ने आंकड़ों को सार्वजनिक रूप से साझा किया है। एटा जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 13 लाख 11 हजार 967 है, जिनमें से लगभग 18 प्रतिशत मतदाता एएसडी श्रेणी में पाए गए हैं। एटा के जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी प्रेम रंजन ने भी इन आंकड़ों की पुष्टि की है। जिले से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार:

  • लगभग 7.9 प्रतिशत मतदाता स्थानांतरित पाए गए
  • 5.7 प्रतिशत मतदाता अनुपस्थित मिले
  • 2.49 प्रतिशत मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है
  • 1.023 प्रतिशत मतदाता कहीं और पंजीकृत पाए गए

अब 11 दिसंबर की समय सीमा समाप्त होने के बाद, इन सभी चिन्हित नामों को सूची से विधिवत हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

SIR अभियान से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि पूरे उत्तर प्रदेश में औसतन:

  • लगभग 6 प्रतिशत मतदाता अनुपस्थित श्रेणी में आएंगे
  • करीब 10 प्रतिशत मतदाता स्थानांतरित पाए जाएंगे
  • लगभग 4 प्रतिशत मृत मतदाताओं के नाम सूची से हटेंगे

इसका सीधा अर्थ यह है कि प्रदेश स्तर पर कुल मतदाता सूची का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा अपडेट होकर साफ किया जाएगा। इससे आगामी चुनावों में फर्जी मतदान, डुप्लीकेट वोटिंग और गड़बड़ी की संभावनाएं काफी हद तक कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।

सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश

विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सख्त रुख अपनाया है। हाल ही में सहारनपुर के सर्किट हाउस सभागार में पार्टी के जनप्रतिनिधियों और संगठन पदाधिकारियों के साथ लगभग 40 मिनट की बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि एक भी वोट गलत तरीके से नहीं बनने पाए।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि विपक्ष की ओर से यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार जानबूझकर वोट काटने या वोट चोरी का प्रयास कर रही है। उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे जनता के बीच जाकर इस भ्रम को दूर करें और लोगों को  SIR  फॉर्म भरने में सक्रिय सहयोग दें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार की शाम चार बजे हेलीकॉप्टर से सहारनपुर के पुलिस लाइन मैदान स्थित हेलीपैड पर पहुंचे थे। इसके बाद वह सीधे सर्किट हाउस पहुंचे, जहां उन्होंने जनप्रतिनिधियों और संगठन प्रभारियों के साथ गहन चर्चा की और निर्देश दिए कि जनता को जागरूक करना सरकार और संगठन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

पारदर्शिता और लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश

चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन का दावा है कि यह पूरा अभियान लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। एक साफ और त्रुटिरहित मतदाता सूची न केवल निष्पक्ष चुनाव के लिए जरूरी है, बल्कि इससे आम नागरिक का भरोसा भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में बढ़ता है। प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे समय रहते अपने दस्तावेजों की जांच करें, अपने मतदाता पंजीकरण की स्थिति की पुष्टि करें और यदि कोई त्रुटि हो तो संबंधित बीएलओ (Booth Level Officer) या चुनाव कार्यालय से संपर्क करें।

जनता के लिए जरूरी संदेश

सरकार और चुनाव आयोग की ओर से साफ किया गया है कि जिन मतदाताओं के नाम चिन्हित किए जा रहे हैं, उन्हें हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह नियमों के तहत पारदर्शी तरीके से की जाएगी। किसी भी वास्तविक और पात्र मतदाता का नाम गलत तरीके से नहीं काटा जाएगा। इसके लिए डिजिटल सत्यापन, फील्ड वेरिफिकेशन और मल्टी-लेवल जांच की जा रही है।