
फोटो सोर्स- 'X' संत प्रेमानंद महाराज
Banke Bihari appearance मथुरा के वृंदावन में बांके बिहारी लाल जू के प्रकटोत्सव के पावन अवसर पर संत प्रेमानंद महाराज ने महत्वपूर्ण जानकारी दी कि बांके बिहारी लाल जू कैसे प्रकट हुए। उन्होंने बताया कि स्वामी हरिदास जी महाराज और श्री विट्ठल विपुल जी की अपार करुणा के कारण हम सभी को यह सौभाग्य मिला है। जो एक बार बांके बिहारी जी का दर्शन कर लेता है। वह कभी नरक में नहीं जाएगा। यहां पर साक्षात प्रिया प्रीतमजू विराजमान हैं।
उत्तर प्रदेश के मथुरा वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अगहन माह की शुक्ल पंचमी को प्रिया प्रीतमजू प्रकट हुए थे। उस तिथि से प्रकटोत्सव मनाया जाता है। जिस दिन से बांके बिहारी जी प्रकट हुए हैं। हजारों-हजारों की भीड़ को बांके बिहारी जी कृतार्थ कर रहे हैं। यह श्री विट्ठल विपुल जी देव की अपार करुणा की देन है। उन्होंने ही प्रिया प्रीतमजू को हम लोगों को प्रदान किया।
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि स्वामी श्री हरिदास जी एकांतिक वास में बैठकर रोज लता कुंज की तरफ देखा करते थे। बीच-बीच में मुस्कुरा भी रहे थे, प्रणाम भी करते थे। यह देख श्री विट्ठल जी महाराज आश्चर्यचकित हो गए। उन्होंने सोचा कि आखिर लता कुंज में क्या है? जिसे स्वामी जी महाराज देखा करते हैं।
उन्होंने स्वामी हरिदास जी महाराज से इसका कारण पूछा। उन्होंने कहा, "आप रोज लता कुंज की तरफ देखते हैं, प्रणाम करते हैं। हमें तो केवल लता दिखाई पड़ती है और आप बहुत देर तक उधर देखा करते हैं, मुस्कुराते रहते हैं, प्रणाम भी करते हैं और फिर चल देते हैं।" इस पर स्वामी जी ने विट्ठल विपुल जी महाराज को दिव्या दृष्टि प्रदान की और उन्होंने कहा कि देखो लता भवन की तरफ।
श्री विट्ठल विपुल ज्यों ही लता भवन की तरफ देखा तो दिव्या रंग महल दिखाई पड़ा। उस रंग महल में प्रिया प्रीतम जो विराजमान थी। विट्ठल विपुल जी महाराज ने आंखों में आंसू भर के कहा कि आपकी कृपा से हमने यह सुख तो प्राप्त कर लिया। जगत के जनसाधारण को कैसे दिखाई पड़ेंगे? स्वामी जी, आप कृपा करो, इस जगत पर कृपा करो।
विट्ठल विपुल जी महाराज ने जब करुणा भाव से स्वामी जी से कहा तो स्वामी जी ने प्रिया प्रीतमजू से प्रार्थना की कि जगत मंगल के लिए एक रूप होकर श्री विग्रह रूप धारण करें। श्री प्रिया प्रीतमजू की कमनीय कांति जो रंग महल में युगल सरकार के रूप में विराजमान थे, स्वामी जी, विट्ठल विपुल जी महाराज और शिष्यों के देखते-देखते श्री बांके बिहारी के रूप में प्रिया प्रीतमजू प्रकट हो गए।
Published on:
25 Nov 2025 10:37 pm
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