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फंस गया SIR सर्वे: मोबाइल छोड़िए, कंप्यूटर का ABCD तक नहीं जानते बीएलओ

SIR Survey: एमपी के इस जिले में एसआईआर सर्वे तकनीकी खामियों में उलझ गया है। बीएलओ मोबाइल-कंप्यूटर न जानने से जूझ रहे हैं, वहीं मतदाता पुरानी सूची न मिलने से भारी परेशानी में हैं।

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sir survey morena (फोटो- सोशल मीडिया)

MP News: मुरैना जिले में चल रहे एसआईआर सर्वे (SIR Survey) में तकनीकी खामियों के चलते मतदाता और बीएलओ (BLO) दोनों ही परेशान हैं। हालात यह हैं कि तकनीकी काम करने के लिए जिन बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है, वह मोबाइल तो छोड़िए कंप्यूटर की एबीसीडी तक नहीं जानते। जिसके चलते उन्हें घर-घर जाकर मतदाताओं से फॉर्म भरवाने और उसे ऑनलाइन फीड करने में भारी दिक्कतें आ रही हैं।

जिले की सभी सातों विधानसभा क्षेत्र में 4 नवंबर से शुरू हुए एसआईआर सर्वे में बीएलओ को घर-घर जाकर वर्ष 2003 में दर्ज मतदाताओं का मिलान वर्ष 2025 की सूची से करना है। अगर पुरानी मतदाता सूची (morena voter list) में दर्ज लोग मृत हुए, पलायन कर गए हैं तो उनका नाम हटाना है और जो लोग पलायन करके मुरैना आए हैं, उनके नाम जोडने हैं। इनमें ऐसी महिलाएं भी शामिल हैं जो वर्ष 2003 के बाद शादी होकर मुरैना जिले में आई हैं।

एसडीएम ने खामियों की बात नकारी

एसआईआर सर्वे में आ रही तकनीकी खामियों को लेकर जब पत्रिका ने एसडीएम भूपेंद्र कुशवाह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि एसआईआर सर्वे में कोई दिक्कत नहीं आ रही। उन्होंने तो यहां तक भी कहा कि बीएलओ एप में दूसरे प्रांतों की मतदाता सूची ओपन हो रही है, जबकि हकीकत में बीएलओ एप में शुक्त्रस्वार रात 9 बजे तक भी दूसरे प्रांतों की मतदाता सूची ओपन नहीं हुई।

मतदाताओं को परेशानी

  • 2003 की मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम नहीं मिल रहे, जिसके चलते उन्हें एसआईआर फॉर्म भरने में खासी परेशानी हो रही है।
  • दूसरे प्रांतों से ब्याह कर मप्र में आई महिलाओं के परिजन का नाम मप्र 2002-03 की निर्वाचन सूची में नहीं हैं, उन्हें फॉर्म सूची भरने में दिक्कत आ रही है।
  • बीएलओ के रूप में काम कर रहे पुराने शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सभी फॉर्म को ऑनलाइन फीड करने में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, पुराने पटवारियों को कंप्यूटर-मोबाइल में दक्ष युवक साथ ले रहे हैं।
  • वर्ष 2003 में संयुक्त परिवार में रहने वाले तीन भाइयों की शादी हुई और उन्होंने अलग जगह मकान बनाए, अथवा वह दूसरे प्रांत में चले गए। ऐसे में पलायन करने वाले परिवारों को तलाशकर एसआईआर सर्वे फॉर्म प्रदान करने में भी संकट खड़ा हो रहा। (MP News)