Mumbai Digital Arrest Case (Patrika Photo)
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर धोखाधड़ी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. परेल इलाके में रहने वाले आदित्य बिड़ला ग्रुप के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) को ठगों ने अपने जाल में फंसाकर उनसे 70 लाख रुपये ठग लिए. हैरान करने वाली बात यह है कि आरोपियों ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप लगाकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट भी किया था.
जानकारी के मुताबिक, ठगों ने 73 वर्षीय पूर्व एमडी को अपने जाल में फंसाकर उनसे 70 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने पीड़ित पर मानसिक दबाव बनाने के लिए फर्जी दस्तावेज का भी इस्तेमाल किया। साइबर फ्रॉड के इस मामले ने मुंबई शहर ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिला दिया है।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित को सबसे पहले एक महिला ने कॉल किया और खुद को दिल्ली एटीएस की अधिकारी विनीता शर्मा बताया। उसने दावा किया कि पहलगाम आतंकी हमले में संदिग्ध गतिविधियों के लिए पीड़ित के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया था।
इसके बाद एक वीडियो कॉल पर एक व्यक्ति पुलिस वर्दी पहनकर सामने आया और खुद को आईजी प्रेमकुमार गौतम बताया। उसने पीड़ित को डराया कि उन पर गंभीर केस दर्ज हो सकता है, उनका पासपोर्ट ब्लॉक होगा और बैंक खाते सीज कर दिए जाएंगे।
इस धमकी और झूठे आरोपों से घबराकर वरिष्ठ नागरिक ने ठगों को अपनी निजी और वित्तीय जानकारी दे दी। ठगों ने उनसे बैंक खातों, फिक्स्ड डिपॉजिट, स्टॉक्स और यहां तक कि उनकी पत्नी की जानकारी तक हासिल कर ली। इसके बाद आरबीआई के फर्जी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें यह साबित करना होगा कि उनका पैसा काला धन नहीं है। इसी बहाने तीन अलग-अलग खातों में 70 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। ठगों ने व्हाट्सऐप पर नकली आरबीआई पावती भी भेजी, ताकि पीड़ित को भरोसा हो जाए।
ठगी का मामला यहीं नहीं रुका। ठगों ने पीड़ित और उनकी पत्नी के मोबाइल फोन और घर के कंप्यूटर को निगरानी के नाम पर बंद करवा दिया और किसी से बात न करने का निर्देश दिया। जब 28 सितंबर को ठगों ने उनसे 1 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) ट्रांसफर करने का दबाव बनाया, तब जाकर उन्हें शक हुआ और उन्होंने हिम्मत जुटाकर आरएके मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और आईटी एक्ट की कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। साइबर सेल ने ठगों के व्हाट्सऐप चैट, ऑडियो रिकॉर्डिंग और बैंक डिटेल्स अपने कब्जे में ले लिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कई टीमें आरोपियों की पहचान करने में जुटी हैं और उन्हें जल्द पकड़ा जाएगा।
यह मामला एक बार फिर इस बात की चेतावनी देता है कि डिजिटल युग में अपराधी किस तरह नई-नई तरकीबों से लोगों को फंसा रहे हैं। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध कॉल या वीडियो कॉल पर भरोसा न करें और तुरंत इसकी सूचना नजदीकी थाने या साइबर हेल्पलाइन को दें।
Published on:
01 Oct 2025 02:39 pm
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