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‘वहां मस्जिद थी, है और कयामत तक रहेगी…’, राम मंदिर ध्वजारोहण पर बोले AIMIM नेता वारिस पठान

अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराए जाने के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के नेता वारिस पठान ने बड़ा बयान दिया है।

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Waris Pathan Ram Janmabhoomi Temple

अयोध्या राम मंदिर में ध्वजारोहण के बाद वारिस पठान का बड़ा बयान (Photo: IANS)

Shri Ram Janmabhoomi Temple: अयोध्या (Ayodhya) में मंगलवार को अभिजीत मुहूर्त के दौरान राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा का औपचारिक ध्वजारोहण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में संपन्न हुआ। राम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण समारोह के बाद एआईएमआईएम (AIMIM) नेता वारिस पठान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। पठान ने सवाल उठाया कि क्या पीएम मोदी किसी एक समुदाय के प्रधानमंत्री हैं या पूरे देश के लोगों के, आखिरकार वह एक संवैधानिक पद पर हैं।

राम जन्मभूमि मंदिर पर भगवा ध्वज फहराने के बाद वारिस पठान ने कहा, “6 दिसंबर 1992 भारत और लोकतंत्र के लिए काला दिन था, जब हमारी बाबरी मस्जिद को साजिश के तहत गिराया गया। हमारा तो आज भी मानना है कि वहां मस्जिद थी, है और कयामत तक रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी वहां गए और ध्वज फहराया… आप किसी एक समुदाय के नहीं, पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं। आप सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की बात करते हैं, लेकिन आपके लोग हर दिन भारत के मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाते हैं।”

पठान ने कहा, “मोदी जी जब दुबई, अबू धाबी, सऊदी अरब जाते हैं तो वहां के मुसलमानों को गले लगाते हैं, लेकिन भारत के मुसलमानों के खिलाफ इन्हीं के लोग जहर फैलाते हैं। इनके नेता रोज मुसलमानों को लेकर अनाप-शनाप बातें करते हैं। कभी कहते हैं कि मस्जिद को बुलडोजर से गिरा देंगे तो कभी मदरसे को तोड़ने की बात कहते हैं।"

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के नेता की यह विवादित टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आज अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के 191 फुट ऊंचे शिखर पर भगवा ध्वज फहराने के बाद आई है, जो मंदिर निर्माण के पूरा होने का प्रतीक है।

ध्वजारोहण के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आज भारत ही नहीं, पूरा विश्व राममय हो गया है। उन्होंने इस क्षण को सदियों के घाव भरने वाला और 500 साल की प्रतीक्षा खत्म होने वाला बताया।

पीएम मोदी ने कहा, “आज हर राम भक्त के दिल में एक अलग ही संतोष है, कृतज्ञता है, और एक अवर्णनीय आनंद है। सदियों का दर्द आज शांत हो रहा है। सदियों का संकल्प पूरा हो रहा है। यह उस तपस्या की पूर्णता है जिसकी ज्वाला 500 वर्षों तक प्रज्वलित रही।”

उन्होंने आगे कहा कि धर्म ध्वजा का मंदिर के शिखर पर स्थापित होना गहरी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकात्मकता रखता है। आज भगवान राम की ऊर्जा इस धर्म ध्वज के रूप में मंदिर के शिखर पर स्थापित हुई है।

बता दें कि इस कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और कई लोग शामिल हुए थे।

राम मंदिर के शिखर पर 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा केसरिया ध्वज है, जिस पर भगवान सूर्य, कोविदार वृक्ष (सूर्यवंश का प्रतीक), और ‘ॐ’ अंकित है, और जिस पर लगे सुनहरे गोटे और सिल्क के प्रीमियम धागे ध्वज की खूबसूरती को और भी बढ़ा रहे हैं। राम मंदिर ध्वजा इतनी मजबूत है कि 60 किमी प्रति घंटा तक की हवा और तेज बारिश का सामना भी आसानी से कर सकती है।