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केदारनाथ आपदा में ‘मृत’ घोषित, फिर चोरी का आरोप… 12 साल बाद परिवार को इस हाल में मिले शिवम

केदारनाथ त्रासदी में लापता हुए शिवम की कहानी किसी फिल्म की तरह लगती है, लेकिन यह सच्चाई है जिसने 12 साल बाद एक परिवार को फिर से एक कर दिया।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Dec 07, 2025

Kedarnath flood Shivam

12 साल बाद परिवार से हुआ भावुक मिलन (Photo: X/IANS)

साल 2013 के विनाशकारी केदारनाथ बाढ़ (Kedarnath Flood) में लापता हुए शिवम (55) की कहानी हर किसी का दिल छू लेगी। जिस शख्स को परिवार ने मरा समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था, वह महाराष्ट्र के पुणे स्थित क्षेत्रीय मानसिक अस्पताल (RMH) में मिला। 12 साल बाद शुक्रवार को शिवम अपने परिवार से वापस मिले। लेकिन शिवम की पुनर्मिलन की कहानी मानवीय करुणा और अथक प्रयासों की मिसाल है।

केदारनाथ से संभाजीनगर और फिर अस्पताल तक

2013 की केदारनाथ बाढ़ में हजारों लोग मारे गए थे और उसी दौरान पोलियो से ग्रस्त शिवम भी लापता हो गए। कई दिनों तक कोई सुराग न मिलने पर उनके भाई ने उनका प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार भी कर दिया था। लेकिन शिवम किसी तरह जीवित बच गए और उन्हें यह याद ही नहीं कि वह कैसे महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) पहुंच गए। वहां वह एक मंदिर में रहने लगे। इस बीच, 2021 में शिवम जिस मंदिर में रह रहे थे, वहां चोरी हुई और पकड़े गए चोरों ने शिवम का नाम भी इस मामले में घसीट लिया। जब पुलिस ने शिवम को पकड़कर अदालत में पेश किया गया, तो 'हेबेफ्रेनिया' से पीड़ित होने के कारण जज ने उन्हें पुणे के RMH में पुनर्वास के लिए भेजने का आदेश दिया।

अचानक बोले अपने स्कूल का नाम...मिला घर का पता

पुणे के इस सरकारी मानसिक अस्पताल में एक हजार से ज्यादा मरीज हैं। अस्पताल की सामाजिक सेवा अधीक्षक रोहिणी भोसले ने बताया कि शिवम से जानकारी निकलवाना बेहद मुश्किल था, क्योंकि वह बीमारी के कारण कुछ नहीं बोलते और जो कहते भी वो पहाड़ी बोली में। लेकिन हमने हार नहीं मानी और शिवम के परिवार के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश करते रहे। 2023 में एक दिन अचानक शिवम ने अपने स्कूल के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दिया- ‘रुड़की का प्रेम विद्यालय’। यह वही ठोस जानकारी थी जिसका भोसले और उनकी टीम महीनों से इंतजार कर रही थी। उन्होंने तुरंत हरिद्वार जिले की रुड़की तहसील पुलिस से संपर्क किया। स्थानीय पुलिस भी हरकत में आई और शिवम से जुड़ी जानकारी RMH को दी, जिसके आधार पर शिवम के रिश्तेदारों को खोजा गया। यह भी पता चला कि शिवम ने 12वीं तक की पढ़ाई प्रेम विद्यालय से पूरी की थी।

कानूनी लड़ाई, फिर हुआ पुनर्मिलन

रोहिणी भोसले और टीम ने परिवार को शिवम की मानसिक स्थिति के बारे में बताया और वीडियो कॉल के जरिए उनकी बात करवाई। भोसले के मुताबिक, पहला वीडियो कॉल बहुत भावुक कर देने वाला था, इतने वर्षों बाद जब दोनों भाईयों ने एक दूसरे को वीडियो कॉल पर देखा तो वे रो पड़े।

लेकिन शिवम की घर वापसी में चोरी का मामला भी बड़ा रोड़ा था, क्योंकि 2023 तक पुलिस ने कोई चार्जशीट तैयार नहीं की थी। बाद में चार्जशीट दाखिल होने पर सुनवाई शुरू हुई। शिवम को भी समन मिलने लगे। इसी दौरान, वैजापुर कोर्ट के जज के तबादले के कारण मामला फिर से छह महीने के लिए टल गया। इस बीच, शिवम के रिश्तेदार उनसे मिलने आने लगे। साथ ही कोर्ट में पक्ष रखने के लिए एक वकील भी किया।

आखिरकार 2024 में वैजापुर की जेएमएफसी कोर्ट ने शिवम को निर्दोष करार दिया। लेकिन आरएमएच को अदालत का आदेश पिछले महीने मिला। RMH से छुट्टी मिलने के बाद शिवम को 5 दिसंबर को परिवार वाले अपने साथ घर ले गए।

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