
दाऊद गैंग के निशाने पर थे राज ठाकरे: प्रदीप शर्मा (Patrika Photo)
मुंबई अंडरवर्ल्ड के कई बदमाशों का खात्मा करने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बड़े खुलासे किए हैं। मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे की हत्या की साजिश रची गई थी और पुलिस ने वक्त रहते उन्हें बचाया था।
मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि वर्ष 2003 में मुलुंड ट्रेन ब्लास्ट के बाद तीन वांटेड आतंकवादियों की तलाश की जा रही थी। इनमें दो पाकिस्तानी और एक कश्मीर का आतंकी शामिल था। पुलिस को सूचना मिली थी कि वे गोरेगांव हाईवे स्थित महानंदा डेयरी के पास पहुंचने वाले हैं। उनका इरादा दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ पर हमला करने का था। उनके पास AK-56, AK-47 और ग्रेनेड जैसे घातक हथियार मौजूद थे।
शर्मा ने बताया, “हमें वरिष्ठ अधिकारियों ने सख्त हिदायत दी थी कि किसी भी हालत में लापरवाही न हो। उस समय कमिश्नर आर.एस. शर्मा और जॉइंट कमिश्नर सत्यपाल सिंह थे। उन्होंने हमें ध्यान रखने और किसी पुलिस वाले को कुछ न होने देने के निर्देश दिए थे। हम बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर पहुंचे थे। कार्रवाई के दौरान मेरी और मेरे सहकर्मी के जैकेट पर एके-47 की दो गोलियां भी लगीं। दोपहर करीब 12 बजे हमने उन आतंकियों पर कार्रवाई की। वे मातोश्री जा रहे थे। उस वक्त मुझे उद्धव ठाकरे ने चाय पर बुलाया था।“
उन्होंने आगे कहा कि कई बार राज ठाकरे की जान पर खतरा मंडरा चुका था। एक बार कोकण दौरे के दौरान उन्हें दाऊद गैंग से खतरे की जानकारी मिली थी। हम जब एक ऑपरेशन के दौरान कॉल इंटरसेप्ट कर रहे थे और अचानक उनके बीच राज ठाकरे के बारे में बात होने लगी। यह जानकारी तत्कालीन जॉइंट सीपी क्राइम मीरा बोरवणकर को दी गई, जिन्होंने आगे कमिश्नर को बताया और फिर राज ठाकरे को दौरा टालने की सलाह दी गई।
प्रदीप शर्मा ने यह भी खुलासा किया कि दाऊद गैंग लगातार राज ठाकरे पर नजर रखे हुए थी। एक बार जब वे सिंधुदुर्ग जा रहे थे, तब भी वह गिरोह के निशाने पर थे। तब मैंने उन्हें इसकी जानकारी दी थी। यहां तक कि एक मौके पर दाऊद के शूटर भाजपा नेता प्रेम शुक्ला के घर के नीचे तक पहुंच गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें समय रहते पकड़ लिया।
गौरतलब हो कि प्रदीप शर्मा ने 1983 में सब-इंस्पेक्टर के तौर पर मुंबई पुलिस ज्वाइन की थी। मुंबई अंडरवर्ल्ड से संबंधित 300 से अधिक मुठभेड़ों में वें शामिल रहे हैं। जिनमें से 113 एनकाउंटर उनके नाम पर दर्ज हैं। उनके जीवन पर बॉलीवुड की हिट फिल्म 'अब तक छप्पन' आधारित है।
प्रदीप शर्मा का मुंबई पुलिस में सफर हमेशा सुर्खियों और विवादों से घिरा रहा है। उनका नाम कई बड़े मामलों से जुड़ा रहा, जिनमें उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर ‘एंटीलिया’ बमकांड, 2008 में रामनारायण गुप्ता उर्फ लखनभैया मुठभेड़ और डॉन दाऊद इब्राहिम से कथित संबंध जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
लखनभैया एनकाउंटर मामले के बाद 2008 में उन्हें निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, लंबी कानूनी लड़ाई और जांच के बाद 2017 में उन्हें बहाल कर दिया गया। सेवा में लौटने के बावजूद उनका पुलिस करियर ज्यादा लंबा नहीं चला और जुलाई 2019 में उन्होंने पुलिस विभाग से इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफे के बाद प्रदीप शर्मा ने राजनीति का रुख किया और अविभाजित शिवसेना में शामिल हो गए। उसी साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उन्होंने नालासोपारा से अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
Published on:
28 Sept 2025 08:11 pm
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