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Nagaur patrika…महिला एवं बाल विकास विभाग में 42 प्रतिशत पद खाली, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

105 स्वीकृत पदों में 44 खाली, वर्षों से नियुक्तियाँ लंबितआंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियाँ और पोषण योजनाएँ प्रभावितनागौर. महिला बाल विकास विभाग में 42 प्रतिशत पद खाली हैं। कई सालों से यही स्थिति चल रही है। इसमें महिला पर्यवेक्षक, परियोजना अधिकारी से लेकर मंत्रालयिक कर्मचारियों सरीखे महत्वूपर्ण पद शामिल हैं। इसकी वजह से न केवल विभागीय […]

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105 स्वीकृत पदों में 44 खाली, वर्षों से नियुक्तियाँ लंबित
आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियाँ और पोषण योजनाएँ प्रभावित
नागौर. महिला बाल विकास विभाग में 42 प्रतिशत पद खाली हैं। कई सालों से यही स्थिति चल रही है। इसमें महिला पर्यवेक्षक, परियोजना अधिकारी से लेकर मंत्रालयिक कर्मचारियों सरीखे महत्वूपर्ण पद शामिल हैं। इसकी वजह से न केवल विभागीय कार्यालय के कार्यों की गतिविधियां प्रभावित हुई है, बल्कि वर्षों से नियुक्ति प्रक्रिया लंबित रहने के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियाँ और विभाग की योजनाएँ प्रभावित हो रही हैं।
आईसीडीएस में महिला पर्यवेक्षक और परियोजना अधिकारियों के खाली पदों के कारण विभाग की समग्र ििस्थ्तयां सीधा प्रभावित हो रही है। विभागीय जानकारी के अनुसार 55 महिला पर्यवेक्षकों के पदों में से 22 खाली हैं, जबकि 8 परियोजना अधिकारियों में से 5 की जगह खाली पड़ी है। इसी तरह सहायक परियोजना अधिकारियों के 4 पदों में से भी 3 रिक्त हैं। इसकी वजह से सीधे तौर पर गाँवों में चल रहे आंगनबाड़ी केन्द्रों पर असर पड़ा है। विशेषकर बच्चों का वजन और पोषण स्तर की ट्रैकिंग, गर्भवती, धात्री महिलाओं की देखरेख के साथ ही पोषण अभियान, किशोरी बालिका योजना आदि की गतिविधियों पर सीधा असर पड़ रहा है है।
कार्यालय के कामकाज पर भी असर
विभागीय कार्यालय के स्तर पर भी स्थिति क गंभीर है। मंत्रालयिक कर्मचारियों के 18 पदों में से 10 खाली होने से फाइलों की गति धीमी हो गई है। योजनाओं की रिपोर्टिंग एवं मॉनिटरिंग में लगातार में विलंब होता है। अधिकारी भी दबी जुबान से स्वीकारते हैं कि रिक्तियाँ लंबे समय से हैं। इस संबंध में मुख्यालय स्तर पर कई बार अवगत कराए जाने के बाद भी खाली पद अब तक नहीं भरे जा सके हैं।

विभागीय पदों की स्थिति पर एक नजर

  • कुल स्वीकृत पदों की संख्या: 105
  • कार्यरत पदों की संख्या: 61
  • रिक्त पदों की संख्या: 44
  • महिला पर्यवेक्षक पदों की स्थिति: 55 में से 22 रिक्त
  • परियोजना अधिकारी पदों की स्थिति: 8 में से 5 रिक्त
  • सहायक परियोजना अधिकारी पदों की स्थिति : 4 में से 3 रिक्त
  • मंत्रालयिक कर्मचारी पदों की स्थिति : 18 में से 10 रिक्ततो कागज पर ही रह जाएंगी योजनाएंमहिला एवं बाल विकास विभाग में लंबे समय से चल रहे खाली पद नहीं भरे जाने के चलते इसका असर सीधा महिलाओं एवं बच्चों से जुड़ी योजनाओं पर पड़ेगा। स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो फिर तो फिर योजनाओं का क्रियान्वयन केवल कागजी आंकड़ों की बाजीगिरी में ही उलझकर रह जाएगा। इसका दुष्परिणाम योजनाओं के लाभान्वितों पर पड़ेगा।इनका कहना है…नयुक्तियां निदेशालय स्तर पर ही की जाती है। विभागीय स्तर पदों की खाली स्थिति की जानकारी निदेशालय भेजी जा चुकी है। फिर भी केन्द्रों की गतिविधियों का संचालन एवं मानीटरिंग पूरी की जा रही है।दुर्गा सिंह उदावत, उपनिदेशक, आईसीडीएस नागौर