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धरती से 620 प्रकाशवर्ष दूर ग्रह ने वैज्ञानिकों को चौंकाया, 6 अरब टन प्रति सैकंड की दर से बढ़ रहा, खुला ग्रह निर्माण का रहस्य

ऑब्जर्वेटरी के 'वेरी लार्ज टेलिस्कोप' और नासा के जेम्स वेब टेलिस्कोप से देखा गया। अप्रैल-मई में इसकी सामान्य ग्रोथ रेट अचानक जून से अगस्त के बीच आठ गुना बढ़ गई और ग्रह हर सेकंड 6.6 अरब टन गैस-धूल निगल रहा है। यह अब तक दर्ज ग्रहों में सबसे तेज ग्रोथ है।

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भारत

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Siddharth Rai

Oct 04, 2025

धरती से 620 प्रकाशवर्ष दूर स्थित एक ग्रह ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है (photo - Ai)

हाल ही कैमेलियन नक्षत्रमंडल में धरती से 620 प्रकाशवर्ष दूर स्थित एक ग्रह ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। इस ग्रह का नाम 'चा 1107-7626' है। खास बता यह है कि यह किसी तारे की परिक्रमा नहीं करता और अंतरिक्ष में अकेला भटकता है। इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोफिजिक्स (आइएनएएफ) के पलेर्मो ऑब्जर्वेटरी की टीम और स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट एंड्रयूज के वैज्ञानिक की ओर से यह शोध किया गया। इसमें पाया गया कि यह ग्रह अभूतपूर्व गति से गैस और धूल निगल रहा है और ग्रह से अधिक किसी तारे की तरह व्यवहार कर रहा है।

बृृहस्पति से 10 गुना तक भारी

खगोलविदों का कहना है कि यह ग्रह बृहस्पति से 5–10 गुना भारी है और मात्र 10–20 लाख वर्ष पुराना है। इसे यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी के 'वेरी लार्ज टेलिस्कोप' और नासा के जेम्स वेब टेलिस्कोप से देखा गया। अप्रैल-मई में इसकी सामान्य ग्रोथ रेट अचानक जून से अगस्त के बीच आठ गुना बढ़ गई और ग्रह हर सेकंड 6.6 अरब टन गैस-धूल निगल रहा है। यह अब तक दर्ज ग्रहों में सबसे तेज ग्रोथ है।

तारे जैसी गतिविधि

स्टडी में वैज्ञानिकों ने पाया कि ग्रह के चारों ओर की गैस-धूल की डिस्क का रसायन भी बदला। पानी की भाप वहां पहली बार दिखाई दी। आम तौर पर ऐसी गतिविधि तारे के बनने के दौरान देखी जाती है, लेकिन पहली बार किसी ग्रह में दर्ज हुई। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसकी ग्रोथ का कारण पावरफुल मैग्नेटिक एक्टिविटी है, जो अब तक केवल तारों में देखी जाती थी।

भविष्य की दिशा

खगोलविदों का मानना है कि 'चा 1107-7626' जैसे ग्रह शायद तारों की तरह गैस और धूल के बादलों से जन्म लेते हैं। यह ग्रह पहले भी 2016 में तेज ग्रोथ दिखा चुका है। अब वैज्ञानिक जानना चाहते हैं कि ऐसे ग्रोथ के दौर कितने समय तक चलते हैं और कितनी बार दोहराए जाते हैं। भविष्य में बनने वाले 'एक्स्ट्रीमली लार्ज टेलिस्कोप' और 'रूबिन ऑब्जर्वेटरी' जैसे उपकरण इन रहस्यमयी ग्रहों को और नजदीक से समझने में मदद करेंगे।