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सेना में होंगे बड़े बदलाव, अप्रैल से जवान से लेकर जनरल तक सभी को देना होगा साल में दो बार फिटनेस टेस्ट

सेना में अगले साल से एक नया कॉमन फिजिकल टेस्ट लागू होने जा रहा है, जिसके बाद फिटनेस टेस्ट की आयु सीमा को 60 वर्ष तक बढ़ा दिया जाएगा और जनरल से लेकर जवान तक सभी को साल में दो बार फिटनेस टेस्ट देना होगा।

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भारत

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Himadri Joshi

Oct 10, 2025

Indian Army

भारतीय सेना (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारतीय सेना अगले साल अप्रैल से एक नया कॉमन फिजिकल टेस्ट (सीपीटी) लागू करने जा रही है, जिसके तहत ब्रिगेडियर, मेजर जनरल और लेफ्टिनेंट जनरल जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को भी साल में दो बार अपनी फिटनेस साबित करनी होगी। यह नया परीक्षण मौजूदा बेटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (बीपीईटी) और फिजिकल प्रोफिशिएंसी टेस्ट (पीपीटी) को मिलाकर तैयार किया गया है। इसमें 45 वर्ष तक के अधिकारियों और सैनिकों को बीपीईटी के मानकों के अनुसार और 50 वर्ष तक के अधिकारियों को पीपीटी के मानकों के अनुसार आंका जाएगा।

फिटनेस टेस्ट की आयु सीमा 60 वर्ष तक बढ़ी

सेना ने फिटनेस टेस्ट की आयु सीमा को 60 वर्ष तक बढ़ा दिया है। अब तक 50 वर्ष से कम आयु के सभी अधिकारियों और सैनिकों को वर्ष में चार बार परीक्षण देना पड़ता था। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसका उद्देश्य रैंक और लिंग के बीच शारीरिक मानकों को सरल, आधुनिक और सुसंगत बनाना है। इसके तहत 55 वर्ष तक के अधिकारियों को निगरानी में सीपीटी देनी होगी, जबकि 55 से 60 वर्ष तक के अधिकारी स्व-मूल्यांकन कर सकेंगे।

नंबर कम आए तो पदोन्नति पर असर

परीक्षा में 4.5 किलो वजन के साथ 3.2 किलोमीटर की दौड़ या तेज चाल, पुश-अप्स, सिट-अप्स और वर्टिकल रोप क्लाइम्बिंग जैसी गतिविधियां शामिल होंगी। मौजूदा बीपीईटी में 5 किलोमीटर की दौड़ होती है, जबकि पीपीटी में दूरी 2.4 किलोमीटर होती है। एक अधिकारी के अनुसार प्रत्येक प्रतिभागी को पास होने के लिए कम से कम 6 अंक लाने होंगे, अन्यथा उसकी पदोन्नति पर असर पड़ेगा।