
राहुल गांधी (फोटो -एएनआई)
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय में एक संवाद कार्यक्रम में भारत के लोकतंत्र पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत उसकी विविधता में है, लेकिन वर्तमान में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर 'हर तरफ से हमला' हो रहा है। राहुल ने भारत की 1.4 अरब आबादी को अपार संभावनाओं से भरा बताया, लेकिन चेतावनी दी कि लोकतंत्र पर खतरा देश के लिए सबसे बड़ा जोखिम है। राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी भड़क गई है और उन पर विदेश जाकर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के कोलंबिया में दिए गए हालिया बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी भारत विरोधी हैं। भारत और उसकी प्रगति से नफरत करने वाला व्यक्ति ही विदेशी धरती पर जाकर कह सकता है कि भारत अग्रणी नहीं हो सकता। इसी मानसिकता के तहत गांधी-वाड्रा परिवार ने 70 साल तक देश को गरीब रखा और देश को पिछड़ा रखने की कोशिश की।
उन्होंने आगे कहा कि जब पूरा गांधी-वाड्रा परिवार देखता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, तो राहुल गांधी ईर्ष्या और नफरत से भारत के लोकतंत्र और प्रगति पर हमला कर रहे हैं। इससे साफ है कि राहुल गांधी का रिमोट कंट्रोल विदेशी ताकतों के हाथ में है। राहुल गांधी भारत विरोधी नेता बन गए हैं।
कोलंबिया में राहुल गांधी ने भारत की तुलना चीन से करते हुए कहा कि चीन एक केंद्रीकृत और एकरूप प्रणाली वाला देश है, जबकि भारत की व्यवस्था अनेक भाषाओं, संस्कृतियों और धर्मों के कारण जटिल है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को बहुत कुछ दे सकता है, लेकिन इसके लिए लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की विविधता को संवाद के लिए स्थान चाहिए, और लोकतंत्र ही इसके लिए सबसे उपयुक्त व्यवस्था है।
कांग्रेस सांसद ने भारत में लोकतांत्रिक प्रणाली पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न परंपराओं, धर्मों-विचारों का केंद्र है और इन सभी को जगह देने के लिए लोकतंत्र जरूरी है। लेकिन वर्तमान में इस व्यवस्था पर "व्यापक हमला" हो रहा है, जो भारत की प्रगति के लिए खतरा है।
इंजीनियरिंग छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि भारत, चीन का पड़ोसी और अमेरिका का साझेदार होने के नाते, वैश्विक शक्तियों के टकराव के केंद्र में है। उन्होंने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के ध्रुवीकरण अभियान पर भी टिप्पणी की, जो उनके अनुसार मुख्य रूप से बेरोजगारों पर केंद्रित है।
राहुल गांधी ने भारत की आर्थिक स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक विकास के बावजूद रोजगार सृजन में कमी है, क्योंकि अर्थव्यवस्था सेवा-आधारित है और उत्पादन क्षेत्र कमजोर है। उन्होंने इसे भारत की एक बड़ी कमी बताया, जिसे दूर करना जरूरी है। राहुल के इस बयान ने एक बार फिर भारत के लोकतंत्र और आर्थिक चुनौतियों पर वैश्विक मंच से चर्चा को हवा दी है।
Updated on:
02 Oct 2025 07:26 pm
Published on:
02 Oct 2025 05:05 pm
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