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बिहार चुनाव से पहले इस IPS पर से हटा सस्पेंशन, कर चुका है इतने बड़े-बड़े कांड

बिहार चुनाव से पहले बिहार कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार का करीब तीन साल पुराना निलंबन आज हटा दिया है।

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पटना

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Devika Chatraj

Oct 04, 2025

IPS अधिकारी आदित्य कुमार (X)

Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की घड़ी जैसे-तैसे करीब आते ही राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फैसला लिया है। बिहार कैडर के 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार का करीब तीन साल पुराना निलंबन (सस्पेंशन) आज हटा लिया गया। यह फैसला चुनाव से ठीक पहले आया है, जिसे विपक्षी दलों ने राजनीतिक रंग देने की कोशिश की है, जबकि सरकार इसे शुद्ध प्रशासनिक प्रक्रिया बता रही है।

IPS पर गंभीर आरोप

  • शराब माफिया से सांठगांठ: 2011 बैच के बिहार कैडर के IPS अधिकारी आदित्य कुमार पर गया जिले में SSP रहते हुए शराब माफिया के साथ सांठगांठ का आरोप है। 2021 में फतेहपुर थाने में शराब जब्ती के एक मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। IG अमित लोढ़ा की जांच में यह आरोप सही पाया गया।
  • फर्जी कॉल के जरिए DGP पर दबाव: उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने कथित मित्र अभिषेक अग्रवाल को पटना हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस संजय करोल का छद्म रूप धारण करवाकर तत्कालीन DGP एसके सिंघल को जुलाई 2022 में 30-40 बार व्हाट्सएप कॉल करवाए। इन कॉल्स का मकसद आदित्य को शराब माफिया केस में क्लीन चिट दिलाने के लिए दबाव बनाना था।
  • आर्थिक अपराध इकाई (EOU) द्वारा केस: DGP की शिकायत पर 15 अक्टूबर 2022 को EOU ने आदित्य, अभिषेक अग्रवाल और अन्य के खिलाफ IPC की धारा 419 (छद्म रूप धारण), 467 (जालसाजी), 420 (धोखाधड़ी), 353 (लोक सेवक पर हमला), 468 (जालसाजी), 387 (उगाही), 120B (आपराधिक साजिश) और IT एक्ट के तहत केस दर्ज किया।
  • फरार होने का आरोप: केस दर्ज होने के बाद आदित्य फरार हो गए थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिसंबर 2023 में उन्होंने पटना कोर्ट में सरेंडर किया।

3 IPS और 51 DSP के ट्रांसफर के बीच फैसला

गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "निलंबन हटाने का फैसला विभागीय समीक्षा के बाद लिया गया है। हालांकि, उनके खिलाफ चल रही विभागीय जांच और आपराधिक कार्रवाई का अंतिम निपटारा बाद में होगा। आदित्य कुमार को फिलहाल कोई नया पद सौंपा नहीं गया है।" यह राहत चुनावी माहौल में आईपीएस अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादलों के बीच आई है, जहां हाल ही में 3 आईपीएस और 51 डीएसपी समेत कई अधिकारियों का फेरबदल हो चुका है।

विपक्ष का प्रहार

विपक्षी दल आरजेडी ने इस फैसले पर तीखा प्रहार किया। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, "चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने अपने 'अपनों' को बचाने का काम शुरू कर दिया है।